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पंजाब और चंडीगढ़ में ईडी की छापेमारी, एक्साइज कमिश्नर वरुण रुजम के घर पहुंची ईडी की टीम

खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब सरकार की ओर से एक्वायर की जाने वाली जमनी में फर्जी तरीके से अमरूदों के बाग दिखाकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के मामले में ईडी की टीम ने आज, बुधवार को मोहाली, चंडीगढ़ और फिरोजपुर समेत कई जगहों पर दबिश दी। ईडी की एक टीम पंजाब के आईएएस अधिकारी और मौजूदा एक्साइज कमिश्नर वरुण रूजम के घर पर पहुंची।
ईडी की टीम को एक्साइज कमिश्नर के घर के पीछे एक पार्क में फटे हुए दस्तावेज मिले है जिनमें अमरूद बाग घोटाले का जिक्र है। इसके अलावा वरुण की पत्नी पर करोड़ों रुपए का मुआवजा फर्जी तरीके से हासिल करने का आरोप है। इसके साथ ही फिरोजपुर के उपायुक्त राजेश धीमान की पत्नी भी इस मामले में आरोपी है। ईडी कारोबारियों, प्रॉपर्टी डीलरों और अन्य लोगों के घर पहुंची। ईडी ने गमाडा से सारा रेकार्ड कब्जे में ले लिया था और काफी समय से इस मामले की जांच में जुटी थी।
यह छापामारी सुबह सात बजे शुरू हो गई थी जब ईडी की टीमों ने अलग-अलग जगहों पर दबिश दी और इस दौरान जो लोग घरों पर मिले, उन्हें अंदर ही बैठा लिया और किसी को फोन करने की अनुमति नहीं दी गई। अब शाम को ईडी के ऑपरेशन पूरा होने के बाद ही पूरा माजरा सामने आएगा। वहीं ईडी ने पटियाला में आईएएस राजेश धीमान के सीए के घर पर भी ईडी की टीम पहुंची है।
दरअसल यह मामला एयरपोर्ट रोड़ पर ग्रेटर मोहाली डिवेल्पमेंट अथॉरिटी की ओर से एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण से जुड़ा हुआ है। इसमें जमीन का मुआवजा गमाडा ने लैंड पुलिंग पॉलिसी के मुताबिक दिया था और उस जमीन पर लगे अमरूद के पेड़ों की कीमत से अलग से अदा की थी। यह कीमत बागवानी विभाग निर्धारित करता है। लेकिन यहां बड़ा घपला यह हुआ कि जमीन अधिग्रहण से पहले यहां कुछ लोगों ने अमरूदों के पौधे लगा दिए और गमाडा अधिकारियों के साथ मिलकर उनकी उम्र चार से पांच साल दिखाई गई। जिसके चलते इनका मुआवजा ज्यादा बना। ऐसे ही कई लोगों ने मिलकर गलत तरीके से मुआवजा लिया। इस मामले में विजिलेंस ने आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था लेकिन अदालत ने मुआवजा राशि वापस जमा करवाकर उन्हें जमानत दे दी।
इतना ही नहीं, आरोपियों ने गमाडा द्वारा अधिगृत की जाने वाली जमीन पर नियम से अधिक अमरूद के पौधे लगाए थे। इन लोगों ने पट्‌टे पर ली गई जमीन पर प्रति एकड़ दो हजार से 2500 पेड दिखाए जो पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की प्रति एकड़ 132 अमरूद के पेड़ों से अधिक थे। साथ ही यह लोग गमाड़ा के अधिकारियों के साथ मिलकर पहले पता लगाते थे कि किस जमीन को एक्वायर किया जाना है और फिर वहां फलों के पौधे लगाकर मुआवजा ले लेते। इनपर आरोप है कि 2018 में इन्होंने जमनी पट्‌टे पर ली और वहां अमरूद के पौधे लगा दिए लेकिन ज्यादा मुआवजा पाने के चक्कर में इन्होंने इन पौधों को 2016 से दिखाया। यानि बिना गमाडा अधिकारियों के संरक्षण के यह सब संभव नहीं था।
विजिलेंस ने इसका पर्दाफाश करते हुए दो आईएएस अधिकारियों की पत्नी समेत 22 लोगों पर मामला दर्ज किया जिसमें राजस्व विभाग के कई अधिकारी शामिल थे। यह घोटाला करीबन 137 करोड़ का बताया जा रहा है। यह मामला विजिलेंस ने ईडी ने ले लिया और मामले की पड़ताल शुरू कर दी थी।

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