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पंजाब केबिनेट बैठक : निचली अदालतों में 3,842 अस्थाई पदों को स्थाई पदों में बदलने को हरी झंडी

पोक्सो और बलात्कार के मामलों से निपटने के लिए दो फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों की स्थापना को मंजूरी, मेडिकल ऑफिसर के 189 पदों की बहाली तथा 1,390 और पदों के सृजन को मंजूरी; ‘दा पंजाब फूड ग्रेन्स ट्रांसपोर्ट पॉलिसी-2024’ को मिली मंजूरी

नई आबकारी नीति को मंजूरी, राज्य के इतिहास में पहली बार 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व लक्ष्य निर्धारित

खबर खास, चंडीगढ़ :

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में कैबिनेट ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए निचली अदालतों में न्यायिक विंग के 3842 अस्थायी पदों को स्थायी पदों में बदलने को मंजूरी दे दी। इस संबंध में निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उनके सरकारी आवास पर कैबिनेट बैठक के दौरान लिया गया।

इस संबंधी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने न्यायिक विंग के 3842 अस्थायी पदों को स्थायी पदों में बदलने की मंजूरी दे दी है। ये पद दो दशकों से अधिक समय से अस्थायी पदों के रूप में नामित हैं और इन्हें बनाए रखने के लिए हर साल गृह मामलों और न्याय विभाग और वित्त विभाग से अनुमोदन की आवश्यकता होती थी। इन पदों को स्थायी पदों में परिवर्तित करने के निर्णय से हर वर्ष पदों की निरंतरता बनाए रखने की अनावश्यक परेशानी से मुक्ति मिलेगी।

कैबिनेट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) और बलात्कार से संबंधित मामलों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करने के लिए संगरूर और तरन तारन जिलों में दो फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। पोक्सो अधिनियम और बलात्कार के मामलों के लिए दो विशेष और समर्पित अदालतों की स्थापना से मामलों के बैकलॉग में कमी आएगी और ऐसे मामलों में सुनवाई में तेजी आएगी। कैबिनेट ने इन अदालतों के लिए 2 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और 18 अन्य सहायक कर्मचारियों सहित कुल 20 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी है।
पंजाब निवासियों को निर्विघ्न और मानक सेहत सेवाएं प्रदान करने के लिए मैडीकल अफ़सर ( जनरल) की 189 असामियां बहाल करने और इसकी और 1390 असामियां सृजन करने की स्वीकृति दे दी है।
प्रवक्ता ने बताया कि यह फ़ैसला बड़े सार्वजनिक हित में लिया गया है जिससे राज्य में मैडीकल अफसरों की कमी न रहे। मंत्रिमंडल ने मैडीकल अफसर ( जनरल) के 189 पदों को बहाल करने और मैडीकल अफसर ( जनरल) की 1390 और पदों को सृजित करने को हरी झंडी दी है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि मैडीकल अफ़सर ( जनरल) की 1940 खाली पदों को पंजाब लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र से निकालकर बाबा फऱीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसिज, फरीदकोट द्वारा भरा जायेगा।
इसी तरह मंत्रिमंडल ने गुरदासपुर में नए अपग्रेड किये गये अर्बन कम्युनिटी हैल्थ सेंटर के लिए 20 नए पदों को सृजित करने को स्वीकृति दे दी है। इन नए पदों में चार मैडीकल अफ़सर, पांच स्टाफ नर्सें, फार्मासिस्ट, लैब टैकनीशियन, एक्स- रे टैकनीश्यिन, ओ. टी. एसिस्टैंट, दो मल्टीटॉस्क वर्कर, गाएनाकौलोजिस्ट, बच्चों के माहिर डाक्टर, सर्जन, मैडिसन और डैंटिस्ट सहित स्पैशलिस्ट डाक्टर शामिल हैं। जिक्रयोग्य है कि राज्य सरकार ने हाल ही में इस अर्बन प्राइमरी हैल्थ सेंटर को 30 बिस्तरों वाले स्वास्थय केंद्र के तौर पर अपग्रेड किया है जिससे सीमावर्ती जि़लों के लोगों को बेहतर सेहत सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें। मंत्रिमंडल ने राज्य में 829 आम आदमी क्लीनिक स्थापित करने को कार्य-पश्चात स्वीकृति दे दी है। इन 829 क्लीनिकों में से 308 क्लीनिक शहरी इलाकों में जबकि 521 क्लीनिक ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं। इन आम आदमी क्लीनिकों में मरीजों को 80 तरह की दवाएं मुफ़्त मुहैया करवाई जाती हैं, जिसमें हाईपरटैंशन, शुगर, चरम रोग और वायरल बुख़ार जैसी मौसमी बीमारियाँ को कवर किया जाता है। इसके अलावा क्लीनिक में अलग-अलग किस्म के 38 टैस्ट किये जाते हैं। इन आम आदमी क्लीनिकों में 7 मार्च, 2024 तक कुल 1,12, 79,048 मरीजों का इलाज हुआ और कुल 31,69,911 डायगनोस्टिक टैस्ट किये गए हैं।
मंत्रिमंडल ने पंजाब में अनाज की ढुलाई के लिए ‘दा पंजाब फूड ग्रेन्ज़ ट्रांसपोर्टेशन पालिसी- 2024’ को मंजूरी दे दी। काबिलेगौर है कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य की समूह खरीद एजेंसियाँ और भारतीय खाद्य निगम की तरफ से अलग-अलग नामज़द केन्द्रोंं/ मंडियों से अनाज की खरीद, भंडारण और रख-रखाव का काम किया जाता है। इस नीति अनुसार वर्ष 2024 दौरान अनाज की ढुलाई का कार्य प्रतियोगितापूर्ण और पारदर्शी ऑनलाइन टैंडर प्रणाली के द्वारा अलॉट किये जाएंगे।
मंत्रिमंडल ने शहरी उड्डयन विभाग की वर्ष 2022-23 की वार्षिक प्रशासनिक रिपोर्ट को भी स्वीकृति दे दी है।
मंत्रिमंडल ने 2 करोड़ रुपए तक के कारोबार करने वाले व्यापारियों को भी स्वास्थय बीमा योजना का लाभ देने की मंजूरी दे दी है जबकि इससे पहले यह लाभ एक करोड़ रुपए तक का कारोबार करन वालों को मिलता था। इस फ़ैसले से राज्य के एक लाख व्यापारियों को लाभ मिलेगा जिससे उनको इस योजना के अंतर्गत 5 लाख तक का मुफ़्त इलाज मिलेगा।
जिक्रयोग्य है कि ‘सरकार-व्यापार मिलनी’ दौरान यह मामला व्यापारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया था जिसके बाद आज यह फ़ैसला लिया गया।
मंत्रिमंडल ने वैट की अदायगी के लिए एकमुश्त निपटारा स्कीम- 2023 (ओ. टी. एस.) की मियाद 31 मार्च, 2024 से बढ़ाकर 30 जून, 2024 कर दी है। इससे राज्य के कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि यह स्कीम गत् वर्ष लागू की गई थी जिसको व्यापारियों ने बहुत सराहा था। इस स्कीम के अंतर्गत व्यापारियों से 41814 आवेदनों द्वारा 47.50 करोड़ रुपए एकत्रित हुए हैं जबकि साल 2021 दौरान ओ. टी. एस. द्वारा सिर्फ 4.37 करोड़ रुपए एकत्रित हुए थे और ओ. टी. एस.-2 के द्वारा केवल 4.93 करोड़ रुपए एकत्रित हुए थे।
मंत्रिमंडल ने बाहरी विकास प्रभार ( ई.डी.सी.) की बकाया राशि तीन किस्तों में जमा करवाने के लिए कोलोनाईजऱों को 18 महीनों का समय देने के लिए भी सहमति दे दी है। विकास अथॉरिटी द्वारा मेगा/पापरा प्रोजेक्टों के प्रमोटरों से सरकार द्वारा समय-समय पर नोटीफाई की गई दरों अनुसार बाहरी विकास खर्च एकत्रित किया जाता है। इन बाहरी विकास खर्चों का प्रयोग विकास अथॉरिटी द्वारा प्रोजेक्टों के आस-पास के क्षेत्र में पहले से प्रदान किये गए बुनियादी ढांचो की मज़बूत करने के लिए किया जाता है। यह फ़ैसला किया गया है कि ई. डी. सी. तय बकाया किस्तों को छह-छह महीनों की तीन किस्तों में प्रति वर्ष 10 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूला जायेगा और प्रमोटर को फिर तय की गई रकम के विरुद्ध अपनी जायदाद का अनुमान लगाने की ज़रूरत होगी।
मंत्रिमंडल ने साल 2024-25 के लिए आबकारी नीति को भी स्वीकृति दे दी है जो कि इस सरकार की तीसरी नीति है। राज्य के इतिहास में पहली बार सरकार के राजस्व की प्राप्ति का लक्ष्य 10,000 करोड़ रुपए को पार करने की उम्मीद है। जिक्रयोग्य है कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान आबकारी राजस्व से वसूली केवल 6151 करोड़ रुपए था। नई नीति में ड्रा के द्वारा शराब के ठेके की अलाटमैंट की व्यवस्था की गई है, जिससे इस बार 172 ग्रुपों की बजाय 232 ग्रुप बनाए गए हैं।
मंत्रिमंडल ने प्रत्येक लाभपात्री तक राशन पहुंचाने के प्रोजैक्ट को स्वीकृति दे दी है जिससे बुज़ुर्ग नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों, जंगी विधवाओं और अन्य तक राशन पहुंचाना आसान हो जायेगा। यह प्रोजैक्ट गुणवत्ता और साफ़-सफ़ाई को यकीनी बनाता है। लगभग 30 लाख लाभपात्रियों के पास एफ.एस.एस.ए.आई. द्वारा निर्धारित गुणवत्ता की विशेषताओं की पालना करते हुए 45 दिनों तक प्रयोग में आने वाला पैक हुआ आटा प्राप्त करने का विकल्प होगा। यह लाभपात्रियों के समय और ऊर्जा की बचत करेगा और पारदर्शिता को यकीनी बनाएगा। इसके अलावा यह कम-तोलने जैसी बेनियमियों पर नकेल कसने के साथ-साथ चोर-रास्ता भी बंद करेगा।

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