चंडीगढ़. हरियाणा में अचानक उठे सियासी भूचाल में बुधवार का दिन अहम रहा. हरियाणा में विधानसभा का एक दिन का सत्र बुलाया गया, जहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ध्वनि मत से बहुमत हासिल कर लिया. पहले विश्वास मत पेश किया गया, फिर बहस हुई.
जेजेपी के 10 विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया, जिसके बाद सदन में बहुमत हासिल करने के लिए कुल 40 विधायकों की दरकार थी. इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने विधानसभा में प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान इनकी जानकारी दी.
जेपेपी के चार विधायक व्हिप का उल्लंघन कर सदन में पहुंचे हैं. इससे माना जा रहा है कि पार्ट में फूट पड़ गई है. जजपा विधायक ईश्वर सिंह और रामकुमार गौतम भी सदन में पहुंचे. जजपा के कुल 10 विधायकों में से चार विधायक सदन में मौजूद है.
फ्लोर टेस्ट से पहले जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर सदन की कार्यवाही से गैरहाजिर रहने को कहा है. विधानसभा में जेजेपी के 10 विधायक हैं, जिनके समर्थन से अब तक हरियाणा में सरकार चल रही थी.
फ्लोर टेस्ट से पहले खट्टर सरकार में मंंत्री रहे अनिल विज मीडिया के सामने आए और कहा कि उन्होंने हर स्थिति में पार्टी का साथ दिया है और इस बार भी वे ऐसा ही करेंगे. इससे पहले सैनी को सीएम बनाए जाने पर अनिल विज नाराज बताए जा रहे थे.