Saturday , July 27 2024

केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और रोजगार बढ़ाने में रही नाकाम

[ad_1]

बठिंडा सांसद हरसिमरत बादल ने कहा
उन्होंने कहा कि केंद्र महंगाई नियंत्रित करने और गरीबों की दशा सुधारने में भी रही नाकाम
खबर खास, चंडीगढ़ :
‘केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने, रोजगार बढ़ाने, मंहगाई को नियंत्रित करने और गरीबों और कमजोर वर्गों की दशा सुधारने में विफल रही है।’ यह कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री और बठिंडा सांसद हरसिमरत कौर बादल का। वह आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोल रही थी।
उन्होंने कहा कि भले ही राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों, गरीबों और नौजवानों की स्थिति में सुधार करना केंद्र सरकार का मुख्य मकसद है लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि ऐसा नही किया गया है।
उन्होंने कहा कि आंकड़े इसके बिलकुल विपरीत हैं। हरसिमरत ने कहा कि भले ही केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन यह वादा अधूरा रह गया है। उन्होने कहा, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय(एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार किसान परिवारों की औसत आय 2015 में 8000 रूपये प्रति माह से बढ़कर 2019 में 10 हजार रूपये प्रति माह हो गई है। उन्होने कहा कि ठीक इसके विपरीत एनएसओ के आंकड़ों से पता चला है कि इसी अवधि में किसानों का औसत कर्ज 58 फीसदी बढ़ गया है। उन्होंने कहा सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के अनुसार 2021 में 10,880 किसानों ने आत्महत्या की थी।
हरसिमरत ने कहा कि पंजाब में किसान सबसे ज्यादा कर्जदार हैं और राज्य में छोटे किसानों पर प्रति किसान 3 लाख रूपये का कर्ज है। उन्होंने कहा कि किसानों के मुददों पर ध्यान नही दिया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा स्पष्ट आश्वासन के बावजूद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को किसानों का कानूनी अधिकार बनाने के लिए सब-कमेटी का गठन किया जाएगा, लेकिन ऐसा नही किया गया। उन्होंने कहा कि कृषि लागत में 80 फीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद एमएसपी में केवल 30फीसदी की बढ़ोतरी की गई। उन्होने यह भी खुलासा किया कि कैसे पंजाब में किसान सम्मान निधि लाभार्थियों में 26 फीसदी की कमी आई है, जो राष्ट्रीय खाद्य भंडार में सबसे अधिक योगदान दे रहे है। उन्होने कहा कि इसी तरह भले ही फसल बीमा कंपनियों ने 57हजार करोड़ रूपए कमाए हैं, लेकिन पंजाब में किसानों को लगातार फसलों के नुकसान के लिए कोई मुआवजा नही दिया गया।
नौजवानों की स्थिति के बारे में बोलते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार भारत में बेरोजगारी दर 23 फीसदी है। उन्होंने कहा कि 43 हजार पेशेवरों द्वारा आत्महत्या करने का मामला दर्ज किया गया है, जबकि विदेश जाने वाले छात्रों की दर में 68फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान एससी छात्रवृत्ति योजना में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के कारण पंजाब में उच्च शिक्षा पाठयक्रमों में युवाओं का नामांकन 50 फीसदी कम हो गया था।
देश में ड्रग्ज के खतरे के बारे में बात करते हुए बठिंडा सांसद ने कहा कि पंजाब में स्थिति बेहद खराब है क्योंकि पाकिस्तान में ड्रान राज्य में ड्रग्ज की आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकी आपदा हो रही है लेकिन केंद्र सरकार अभी तक सीमा पार से पंजाब में नशीली दवाओं की आमद को रोकने के लिए कोई ठोस पॉलिसी नही बना पाई है।
बठिंडा सांसद ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार 74 फीसदी भारतीय स्वस्थ भोजन खरीदने में सक्षम नही हैं। उन्होंने कहा कि 2012 के बाद से पेट्रोल की कीमतों में 40 फीसदी, डीजल की कीमतों में 60 फीसदी, दालों में 70 फीसदी और दूध की कीमत में 77 फीसदी की वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे आरबीआई ने खुलासा किया कि 2023 में वार्षिक घरेलू बचत में 5.1 फीसदी की कमी आई है, जबकि इसी अवधि के दौरान परिवारों की वार्षिक देनदारियां सकल घरेलू उत्पाद का 5.8 फीसदी बढ़ गई है। उन्होंने कहा,‘‘यह निश्चित रूप से अच्छे दिन नही हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने खुलासा किया कि 2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में दस फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। उन्होंने यह भी पूछा कि महिला आरक्षण कानून कब लागू किया जाएगा, क्योंकि यह समय की मांग है।

The post केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और रोजगार बढ़ाने में रही नाकाम first appeared on Khabar Khaas.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *