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सिंचाई के लिए ट्रीटेड पानी का प्रयोग दोगुना करने का लक्ष्य: जौड़ामाजरा |

जौहड़ों के पानी का अधिक प्रयोग सिंचाई के लिए करने पर ध्यान केन्द्रित करने के दिए निर्देश 
खबर खास, चंडीगढ:
पंजाब के भू एवं जल संरक्षण मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज विभाग के अधिकारियों को जहां भूमिगत पानी के स्रोतों पर निर्भरता घटाने के लिए सिंचाई के लिए साफ किए गए (ट्रीटेड) पानी के प्रयोग में दोगुना इजाफा करने का लक्ष्य दिया, वहीं जौहड़ों के पानी का अधिक से अधिक प्रयोग सिंचाई के लिए करने पर ध्यान केन्द्रित करने के निर्देश दिए।

जौड़ामाजरा ने पिछले सप्ताह भू एवं जल संरक्षण विभाग का पद संभालने के बाद आज यहां महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पहली बैठक के दौरान विभाग के कामकाज का जायज़ा लिया। भू एवं जल संरक्षण मंत्री ने राज्य के किसानों की भलाई के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाते हुए विभाग को कीमती जल संसाधन को बचाने पर जोर देते हुए किसानों की आमदन में वृद्धि करने के लिए नए प्रोग्राम बनाने और चल रहे जल संरक्षण और प्रबंधन के कार्यों को और तेज करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कृषि में नहरी पानी, ट्रीटेड पानी और खास तौर पर जौहड़ों के पानी का अधिक से अधिक प्रयोग करने पर जोर दिया ताकि पंजाब के भूजल के गिरते स्तर को रोकने के साथ-साथ जौहड़ों के पानी की लगातार फिर से भरपाई के साथ ग्रामीण वातावरण में सुधार के साथ प्रदूषण से भी बचा जा सकेगा। उन्होंने विभाग को ज़मीनी स्तर पर जागरूकता पैदा करके राज्य में जल प्रबंधन और संरक्षण के लिए लोक लहर शुरू करने का न्योता दिया।

विभाग की कंडी क्षेत्र के लिए वॉटरशैड स्कीम का जायज़ा लेते हुए उन्होंने प्रोजैक्ट क्षेत्रों में भूमि रहित किसानों और अन्यों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण देकर उनको अधिक से अधिक लाभ देने पर ज़ोर दिया और बाग़बानी विभाग के साथ तालमेल करके अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए कहा।

विभागीय अधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री को एक प्रस्तुति देते हुए बताया कि विभाग के कार्यों का मुख्य उद्देश्य सिंचाई पानी का प्रयोग कुशलता में वृद्धि और सिंचाई के लिए वैकल्पिक सिंचाई जल स्रोतों का विकास करना है, क्योंकि राज्य के लगभग 94 प्रतिशत जल स्रोतों का प्रयोग केवल कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है।

अधिकारियों ने मंत्री को भविष्य में की जा रहीं अलग-अलग नयी पहलों के बारे में जानकारी दी। जिक्रयोग्य है कि विभाग के मुख्य कार्यों में भूमिगत पाईपलाइन सिस्टम, कृषि में ट्रीटेड वॉटर का प्रयोग, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम, रेन वॉटर हारवैस्टिंग, वॉटरशैड आधारित प्रोग्रामों के अलावा अन्य कार्य शामिल हैं।

माईक्रो इरीगेशन अपनाने वाले किसानों के लिए सोलर पम्प सैट स्कीम शुरू करने के लिए विभाग के प्रस्ताव संबंधी कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को कहा कि वह माईक्रो इरीगेशन और सोलर सिस्टम के साथ-साथ खेतों में पानी एकत्रित करने के लिए स्टोरेज पौंड को भी इस स्कीम में शामिल करें ताकि किसान अपनी ज़रूरत के अनुसार इस एकत्रित किए गए पानी का सुचारू रूप से प्रयोग कर सकें।