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खबर खास, चंडीगढ़:
आज 31 मई को World No Tobacco Day मनाया जा रहा है। इस दिन लोगों को धूम्रपान छोड़ने की सलाह दी जाती है। लेकिन कई ऐसी बातें भी हैं जो मिथक के रुप में समाज में चल रही हैं। आइए, ऐसी ही बातों की सच्चाई जानते हैं। कई बार यह कहा जाता है कि स्मोकिंग की लत छोड़ने वाले डिप्रेशन में चले जाते हैं। जबकि सच्चाई कुछ और है। ऐसा नहीं है कि सिगरेट छोड़ने के बाद आप डिप्रेशन में चले जाओगे। दरअसल स्मोकिंग के समय शरीर में निकोटिन की मात्रा बढ़ती है और जब स्मोकिंग छोड़ते हैं तो निकोटिन का लेवल कम होने से फटीग, थकान, किसी काम में मन न लगने जैसी स्थिति बन जाती है। जबकि सच्चाई यह है कि स्मोकिंग छोड़ने से आपका मेंटल स्टेटस और अच्छा हो जाता।
सिगरेट छोड़ें, बढ़ेगी काम करने की क्षमता
इसी तरह ये भी कहा जाता है कि स्मोकिंग छोड़ने से काम और क्रिएटिविटी कम हो जाएगी। जबकि ऐसा नहीं है कि स्मोकिंग छोड़ने से आपके काम करने की क्षमता कम हो जाएगी। बल्कि आप बीच-बीच में स्मोकिंग के लिए नहीं उठेंगे और काम को पूरे ध्यान से कर पाएंगे। इससे आपकी क्रिएटिविटी और बढ़ेगी। एक और मिथक है कि स्मोकिंग छोड़ने से नींद बहुत ज्यादा या कम आएगी। हालांकि ऐसा नहीं है कि स्मोकिंग छोड़ने से नींद बहुत ज्यादा या कम आएगी। स्मोकिंग छोड़ने से निकोटिन की मात्रा कम हो जाती है जिससे आपको बेचैनी सी महसूस होती है। लेकिन लंबे समय में आप सिगरेट छोड़कर ज्यादा एक्टिव महसूस करते हैं।
कैंसर की जड़ है आपकी सिगरेट
एक और मिथक भी है कि धूम्रपान की आदत छोड़ने के लिए देर हो गई है और अब ये कभी नहीं छूटेगी जबकि धूम्रपान छोड़ने के लिए कभी देरी नहीं होती। इसी तरह मिथक ये भी है कि सिगरेट तंबाकू से कम नुकसान करती है। जबकि सिगरेट के अंदर भी तंबाकू होता है जो आपको उतना ही नुकसान पहुंचाता है। तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में शरीर के लिए हानिकारक ही है। इससे कैंसर का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।