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प्रधानमंत्री की पंजाब में रैलियों का विरोध करने का किसान संगठनों का ऐलान

बैठकों का दौर जारी, मोदी से वादाखिलाफी को लेकर नाराज हैं किसान संगठन
खबर खास, चंडीगढ़ :
शिरोमणि अकाली दल बादल से गठबंधन टूटने के बाद पंजाब में अकेले लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही भाजपा की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। पहले तो भाजपा प्रत्याशियों को पंजाब के गांवों में ही घुसने नहीं दिया जा रहा था। अब भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव रैलियां को संबोधित करने के लिए 23 मई को पंजाब पहुंच रहे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसान संगठनों की ओर से जबरदस्त विरोध करने का ऐलान किया गया है। इस विरोध प्रदर्शन को लेकर किसान संगठनों की ओर से आगे की तैयारियां भी आरंभ कर दी गईं हैं और बैठकों का दौर लगातार जारी है।
किसान आंदोलन के दौरान पीएम की ओर से किसानों को की गई मांगों को पूरा नहीं करने, लखीमपुर खीरी की घटना का इंसाफ न देने और अन्य मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चो की ओर से पंजाब में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवारों का विरोध करने का ऐलान किया गया था और इसी क्रम के तहत पंजाब भर के किसान संगठनों की ओर से लगातार भाजपा के उम्मीदवारों का विरोध किया जा रहा था। इतना ही नहीं कई जगहों पर किसानों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज की घटनाएं भी सामने आई थीं।
भारतीय किसान यूनियन एकता उग्रराहा की ओर से पंजाब भाजपा उम्मीदवार के चुनाव प्रचार के लिए 23 मई को यहां पहुंच रहे प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी का विरोध करने का ऐलान किया गया है। इस विरोध प्रदर्शन की रणनीति को लेकर बरनाला में भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा की राज्य स्तरीय कमेटी की ओर से एक विशेष बैठक आयोजित हुई। इस बैठक के दौरान प्रदेश के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्रराहां ने कहा कि किसान आंदोलन में मांगी हुई मांगों को लागू न करने और अन्य मांगों को लेकर कर जहां भाजपा का लगातार विरोध किया जा रहा है, वहीं इस क्रम के तहत चुनाव प्रचार के लिए यहां आ रहे प्रधानमंत्री का जबरदस्त विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों से संगठन के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में अपने-अपने वाहनों और बसों द्वारा पटियाला में प्रधानमंत्री की रैली का विरोध करने पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन की ओर से उन्हें रोकने की कोशिश की गई तो वह अपने तरीके से नरिंदर मोदी का विरोध करेंगे।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन डकौंदा धनेर के नेता अमरजीत सिंह ने कहा कि दिल्ली किसान आंदोलन की बकाया मांगों, लखीमपुर खीरी की घटना, पंजाब की सीमाओं पर बैठके किसानों पर गोली चलाने और किसान शुभकरण सिंह को गोली मारने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही न करने आदि की मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के निमंत्रण पर लगातार भाजपा का विरोध किया जा रहा है। अब पंजाब में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने आ रहे प्रधानमंत्री का भी जबरदस्त विरोध किया जाएगा और संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बनाई गई रणनीति के तहत प्रधानमंत्री का विरोध किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के नेता रेशम सिंह यातरी ने कहा कि फरवरी महीने से लगातार किसानों की ओर पंजाब की सीमाओं पर प्रदर्शन किया जा रहा है और इन किसानों को भाजपा के निर्देशों पर दिल्ली जाने से रोका जा रहा है। अब जब देश के पीएम भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार करने आ रहे हैं तो संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक की ओर से उनका विरोध किया जाएगा। क्योंकि उनकी ओर से शांतमय तरीके से प्रर्दशन कर रके किसानों पर आंसू गैस के गोले और गोलियां चलवाईं गईं और देश के किसानों को अपनी ही राजधानी में जाने से रोका गया। ऐसे में किसानों की ओर से भाजपा का जहां विरोध किया जा रहा है वहीं ही प्रधानमंत्री का पंजाब आने पर विरोध किया जाएगा।
गौर रहे कि 5 जनवरी 2022 को पंजाब के फिरोजपुर में रैली को संबोधित करने जा रहे प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी का किसानों ने जबरदस्त विरोध किया था। प्रधानमंत्री का काफिला किसानों की ओर से सड़क जाम होने के कारण फिरोजपुर से कुछ ही दूरी से पहले ही रोक लिया गया था जिसके चलते प्रधानमंत्री का काफिला वापिस हवाई अड्‌डा बठिंडा लौटा गया था और वह फिरोजपुर में रैली का संबोधित नहीं कर सके थे।