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पंजाबी कवि सुरजीत पातर के भोग रस्म में शामिल हुए मुख्यमंत्री मान

मुख्यमंत्री ने भावुक होकर कहा – कभी सोचा नहीं था कि इतनी जल्दी पातर साहिब के भोग पर श्रद्धांजलि देनी पड़ेगी
कहा – हर पंजाबी बोलने वाले को पातर साहिब पर मान महसूस होता है, ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता कि जो पंजाबी भाषा से प्यार करे, वह पातर साहिब से प्यार न करे
खबर खास, चंडीगढ़/लुधियाना:
मुख्यमंत्री भगवंत मान प्रसिद्ध पंजाबी कवि सुरजीत पातर के भोग रस्म में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने भावुक होकर कहा कि कभी सोचा भी नहीं था कि हमें इतनी जल्दी पातर साहिब के भोग पर श्रद्धांजलि देनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि मुझे जब भी मौका मिलता था मैं पातर साहिब के लिखे शब्दों को पढ़ता था और उस पर चर्चा करता था। उन्होंने कहा कि हम पंजाब सरकार की तरफ से पातर अवार्ड शुरू करेंगे जिसमें सातवीं से लेकर ग्रेजुएशन तक के बच्चों के बीच अलग-अलग लेवल पर कविताओं के कंपीटिशन करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पातर साहिब ने पंजाबी भाषा के विकास और विस्तार के लिए काफी काम किया है। पंजाबी बोलने वाले हर लोगों को उनपर मान महसूस होता है। उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता कि जो पंजाबी भाषा से प्यार करे, वह पातर साहिब से प्यार न करे।उन्होंने कहा कि आज पंजाबी मातृभाषा दुखी है क्योंकि उसका लाडला बेटा दुनिया छोड़कर चला गया। ऐसी कलमें कभी-कभी ही पैदा होती है। उन्होंने कहा कि पातर साहिब का परिवार मेरा भी परिवार की तरह है। मैं उनके साथ खड़ा हूं और आगे भी रहूंगा।