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#LokSabhaElection2024 अकेले चुनाव लड़कर मायावती क्या कर पाएंगी?

अभिमनोज. लोकसभा चुनाव 2024 मायावती की पार्टी बसपा अकेले लड़ेगी, बड़ा सवाल यह है कि- अकेले चुनाव लड़कर मायावती क्या कर पाएंगी?
यह सही है कि कभी एक बड़ा वोटबैंक मायावती की बसपा के साथ था, लेकिन धीरे-धीरे यह कम होता जा रहा है और जिस तरह के सियासी हालात नजर आ रहे हैं, यही बने रहे तो लोकसभा चुनाव के बाद बसपा के सियासी अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लग जाएंगा?
कारण…. खबरों की मानें तो मायावती की बसपा के कई सांसद दूसरी पार्टियों के संपर्क में हैं!
याद रहे, लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा ने यूपी में 10 सीटें जीती थी. और बीजेपी के बाद बसपा यूपी में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन तब सपा उसके साथ थी.
अब हालात बदल चुके हैं, अब सपा-कांग्रेस साथ हैं और यही सियासी समीकरण रहा, तो यूपी की सीटें बीजेपी और सपा-कांग्रेस में बंट जाएंगी, बसपा को कोई सीट शायद ही मिले?
उल्लेखनीय है कि अमरोहा से सांसद दानिश अली को बसपा ने पहले ही सस्पेंड कर दिया था, अब माना जा रहा है कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, उनकी कांग्रेस से करीबी जगजाहिर है…. दानिश अली, राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान मणिपुर में भी मौजूद थे?
दानिश अली ही नहीं, बसपा के कई नेताओं के लिए मायावती तक पहुंचना बहुत मुश्किल है, लिहाजा बसपा के सांसद यह समझ नहीं कर पा रहे हैं कि उनका सियासी भविष्य क्या होगा?
खबरों की मानें तो बसपा के सांसद सपा, बीजेपी और कांग्रेस में संभावनाएं तलाश रहे हैं?
खबरों पर भरोसा करें तो बसपा के ही एक सांसद का कहना है कि- मैं संगठन की बैठकों में भी नहीं बुलाया जाता हूं, तो मुझे दूसरे विकल्पों को देखना ही होगा?
याद रहे, 2012 के बाद से बसपा उतार पर है, यह बात अलग है कि 2019 में 10 सीटें जीतकर बसपा दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी, लेकिन तब सपा-बसपा साथ थी, जबकि अब सपा-कांग्रेस साथ हैं?
इतना ही नहीं, 2014 में बसपा जब अकेले लड़ी थी, तब वह एक भी सीट नहीं जीत सकी थी!
लोकसभा चुनाव 2019 के बाद सपा-बसपा अलग हो गई, विधानसभा चुनाव 2022 बसपा ने अकेले लड़ा, नतीजा…. विधानसभा चुनाव में बसपा को केवल एक सीट मिली.
यूपी में कांग्रेस-सपा समझौते के तहत सपा 63 और कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, ऐसे में क्या बसपा 2019 वाली सीटें फिर से जीत पाएगी?
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी यूपी की 80 में से 62 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, अब यह 62 सीटें बचाना बड़ी चुनौती है!
सियासी सयानों का मानना है कि यदि सपा-कांग्रेस, बीजेपी और बसपा में त्रिकोणीय संघर्ष हुआ तो 2019 के सापेक्ष कांग्रेस-सपा सबसे ज्यादा फायदे में रहेंगी, बीजेपी को भले ही 2019 वाली सीटें नहीं मिलें, तब भी बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिल सकती हैं, लेकिन बसपा को कुछ मिल पाएगा, ऐसा लगता नहीं है?
https://twitter.com/Mayawati/status/1761632312469680326
जब तक मुसलमानों का क्षेत्रीय दलों से मोहभंग नहीं होगा, बीजेपी को कोई सियासी खतरा नहीं है? क्योंकि….
https://palpalindia.com/2022/05/05/delhi-BJP-vote-bank-modi-media-political-weapon-Non-BJP-Parties-Media-Management-Regional-Parties-of-Muslims-news-in-hindi.html