स्पीकर ने पंजाब उर्दू अकादमी, मालेरकोटला के वार्षिक समारोह ‘रस्म-ए-इजराअ’ में की शिरकत

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कहा, एमएसपी देना किसान के लिए ही नहीं बल्कि देश के विकास के लिए भी अहम
खबर खास, चंडीगढ़/ मालेरकोटला :
‘पंजाब उर्दू अकादमी मलेरकोटला हमारी एक गौरवमयी संस्था है जोकि भाषा के प्रचार के लिए सार्थक प्रयास कर रही है जिससे नौजवान वर्ग को अपनी मीठी भाषा उर्दू के साथ जोड़ कर रखा जा सके।’ यह कहना है पंजाब विधान सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां का। वह आज, मालेरकोटला के इकबाल ऑडीटोरियम में पंजाब उर्दू अकादमी के सालाना इनाम वितरण और सम्मान समारोह और रस्म- ए-इजराअ के मौके पर बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने पंजाब उर्दू अकादमी के सर्वांगीण विकास के लिए 5 लाख रुपए की राशि देने का ऐलान किया। इस मौके पर विधायक मालेरकोटला डॉ. जमील उर रहमान भी मौजूद थे।
स्पीकर ने कहा कि देश भर के किसानों की ओर से शुरू किया आंदोलन अकेले किसानों के हित में नहीं बल्कि पूरे देश के हित में है। पत्रकारों से बातचीत में संधवा ने कहा कि कुछ ताकतों की ओर से किसानों की मांगों और आंदोलन को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य देना, किसान के लिए ही नहीं बल्कि देश के विकास के लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि फसलों की एमएसपी बंद कर अमेरिका जैसे देश भी विकास के रास्ते से भटक गए इसलिए यह जरूरी है कि केंद्र सरकार बिना देरी के किसानों की मांग के मुताबिक फसलों की एमएसपी जारी करे।
उन्होंने कहा कि बड़े घराने केवल किसान मजदूर के लिए नहीं बल्कि छोटे व्यापारियों के लिए भी बेहद खतरनाक हैं क्योंकि एक साधारण व्यापारिक संस्थान (शॉपिंग माल) सैंकड़ों ही छोटे दुकानदारों का रोजगार छीन रहा है। इसलिए जरूरी है किसानी और किसानों से जुड़े सहायक धंधों को प्रफुल्लित किया जाये।
भाजपा नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार यूटर्न लेने में माहिर
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों पर एन. एस. ए लगाने के बाद में मुकर जाने के बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार यू टर्न लेने में माहिर है। हरियाणा सरकार की तरफ से किसानों पर एनएसए लगाने का फ़ैसला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण था जिसको किसानों के साथ-साथ देश के नागरिकों ने भी स्वीकार नहीं करना था।

इन्हें किया गया सम्मानित
इस मौके पर उन्होंने लाईफटाइम अचीवमैंच पुरस्कार के साथ करनैल सिंह ‘सरदार पंछी’ को एक लाख 50 हज़ार रुपए, शॉल और सम्मान सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इसके इलावा सआदत हसन मंटो उर्दू नसर अवार्ड मुहम्मद बशीर को, कृष्ण चंद्र उर्दू नसर अवार्ड डा रेनू बहल को, राजिन्दर सिंह बेदी उर्दू नसर अवार्ड डॉ. अनवार अहमद अन्सारी को, कँवर- महेन्दर सिंह बेदी शायरी अवार्ड ख़ुशबीर सिंह शाद, तरलोक चंद महरूम उर्दू शायरी अवार्ड अंजुम कादरी को और अल्लामा इकबाल उर्दू शायरी अवार्ड डा नदीम अहमद को 50-50 हज़ार रुपए, शॉल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इसके इलावा इस मौके पर पंजाब उर्दू अकादमी की तरफ से प्रकाशित पुस्तकों की रस्म-ए-इजराअ) मुख्य दिखाई की गई। इसके उपरांत उन्होंने इस समागम में अकैडमी की वित्तीय सहायता के साथ साहित्यिक समागमों का आयोजन करने वाली सभा-सोसायटियों, पंजाब की सभी यूनिवर्सिटियों और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में उर्दू विषय में शिक्षा हासिल कर रहे विद्यार्थियों को नकद इनाम वितरित करके सम्मानित किया गया।

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