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पवित्र दिवस के मौके पर किसी भी तरह के विवाद को टालने के लिए लिया फ़ैसला
चंडीगढ़, 26 दिसंबरः पंजाब सरकार ने 27 दिसंबर को छोटे साहिबज़ादों के शहीदी जोड़ मेल के दौरान मातमी बिगुल बजाने के फ़ैसले को वापस ले लिया है।
यहाँ जारी बयान में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि दिसंबर का महीना, जिसमें दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के समूचे परिवार को शहीद किया गया था, समूची मानवता के लिए शोक का महीना है। उन्होंने कहा कि छोटे साहिबज़ादों और माता गुजरी जी का महान बलिदान विश्व भर के मानवता के इतिहास में बेमिसाल है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि माता गुजरी जी समेत साहिबज़ादों जोरावर सिंह और साहिबज़ादा फतेह सिंह की शहादत ने सदियों से पंजाबियों को बेइन्साफ़ी और ज़ुल्म के विरुद्ध लड़ने की प्रेरणा दी है और छोटे साहिबज़ादों की तरफ से छोटी उम्र में दिये गये महान बलिदान की मिसाल संसार के इतिहास में कहीं नहीं मिलती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि इस पवित्र दिवस पर किसी भी तरह के विवाद में फंसने की बजाय हर पंजाबी छोटे साहिबज़ादों और माता गुजरी जी को श्रद्धा-सुमन भेंट करे। उन्होंने कहा कि इस पवित्र दिवस के मौके पर किसी तरह के विवाद को टालने के लिए राज्य सरकार ने 27 दिसंबर को मातमी बिगुल बजाने के अपने फ़ैसले को वापस ले लिया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह आम आदमी की सरकार है और हर फ़ैसला जनता के हित को ध्यान में रख कर लिया जाता है।
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