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खबर खास, चंडीगढ :
साल 2016 में हुए नाभा जेल ब्रेक मामले में बर्खास्त किए गए पांच जेल अधिकारियों की बर्खास्तगी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आज खारिज कर दिया।
इस मामले में जेल अधीक्षक ने घटना के समय रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में होने और अन्य ने लंबी बेदाग सेवा की दलीलें दी थीं। इन दलीलों को दरकिनार करते हुए हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी के आदेश में दखल से इंकार कर दिया।
गौर रहे कि 2016 में कई हथियारबंद लोग पुलिस की वर्दी पहनकर और कारों पर सवार होकर नाभा जेल पहुंचे थे। उनके साथ कुछ और लोग भी थे जिनके हाथों में हथकड़ियां लगी हुईं थीं और उन्हें कैदी की तरह दिखाया गया था।
आरोप है कि इन कैदियों को पहुंचाने के बहाने आतंकियों को छुड़ाने के लिए कुछ लोग पंजाब की अधिकतम सुरक्षा वाली नाभा जेल में दाखिल हुए। जेल के छह कैदी पहले से ही दो सुरक्षा दीवारों के बीच बरामदे में उनका इंतजार कर रहे थे। उन्होंने जेल कर्मचारियों को उन्हें उस स्थान तक पहुंचने देने के लिए मना लिया था।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जिन लोगों को छुड़ाने के लिए यह लोग आए थे, वह कट्टर आतंकवादी थे और कई मामलों में वांछित थे। इस दौरान गोलियां चलाकर कोठरियों का ताला तोड़ा गया और वे सभी भाग निकले।
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