चंडीगढ़: बेअदबी की ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं’ पर शिरोमणि अकाली दल बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की माफी पर सवाल उठाते हुए पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि यह देखना बहुत जरूरी है कि इस माफी के पीछे सुखबीर बादल का मकसद क्या है।
2015 में प्रकाश सिंह बादल सरकार में पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की कई घटनाएं हुई लेकिन अकाली सरकार ने पूरी तरह से लापरवाही भरा रवैया अपनाया, जिससे असामाजिक तत्वों के हौंसले बुलंद हो गए। पंजाब के तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल कहते थे कि पंजाब में उनकी जानकारी और आदेश के बिना कुछ नहीं होता। लेकिन उनकी लापरवाही के कारण बेअदबी की घटनाएं जारी रहीं और बादल सरकार ने किसी भी साजिशकर्ता और आरोपी को नहीं पकड़ा।
संधवां ने सवाल किया कि सुखबीर बादल ने अपने राजनीतिक हितों के लिए बेअदबी की घटनाओं के लिए माफी मांगी है, लेकिन शहीद भाई गुरजीत सिंह और भाई कृष्ण भगवान सिंह के लिए कौन माफी मांगेगा, जो बेअदबी की घटनाओं में न्याय के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए थे। वह बहबल कलां और कोटकपूरा गोलीकांड के लिए कब माफी मांगेंगे?
स्पीकर संधवां ने यह भी कहा कि एक समर्पित सिख और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के आस्तिक के रूप में, मुझे लगता है कि गुरु ग्रंथ साहिब जी के अपमान की घटनाओं के लिए कोई माफी नहीं हो सकती। यदि सुखबीर बादल वास्तव में इन अपराधों के लिए पश्चाताप करना चाहते हैं, तो उन्हें सक्रिय राजनीति छोड़ देनी चाहिए और गुरु के विनम्र सिख के रूप में श्री अकाल तख्त साहिब और सभी सिख संगत के सामने झुकना चाहिए। उन्होंने कहा कि अकाली दल बादल के अध्यक्ष द्वारा मांगी गई माफी में उन्होंने अपनी राजनीतिक गिरावट का रोना रोते हुए लोगों से कहा कि वे राज्य को एक बार फिर से बादल परिवार को सौंप दें, इसलिए यह सब स्पष्ट रूप से एक राजनीतिक नाटक था।
उन्होंने आगे कहा कि माफी के बहाने राजनीतिक चालें चलकर सुखबीर बादल ने अपने पापों के ढेर में एक और पाप जोड़ लिया है। लेकिन इतिहास हमें बताता है कि जिसने भी गुरु के नाम पर ऐसे लाभ उठाने की कोशिश की, वे कभी सफल नहीं हुए और न ही वे कभी सफल होंगे।