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खुलने लगी है डी-फार्मेसी सर्टिफिकेट जारी करने में अनियमितताओं की कलई

पंजाब राज्य फार्मेसी कौंसिल के अधिकारियों और कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद नौ कैमिस्ट गिरफ्तार

सभी आरोपी पंजाब में अलग-अलग जगहों पर चला रहे थे दवाओं की दुकान

निजी फार्मेसी कालेज और पीएसपीसी के कुछ अधिकारियों की संलिप्ता आई थी सामने

खबर खास, चंडीगढ़:

कुछ दिनों पहले विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब राज्य फार्मेसी कौंसिल की ओर से डी-फार्मेसी सर्टिफिकेट जारी करने में अनियमितताओं की कलई खोलते हुए कौंसिल के दो पूर्व रजिस्ट्रार और सुपरीटेंडैंट को निजी फार्मेसी कॉलेजों के साथ मिली भगत कर सटिफिकेट जारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसी क्रम में विजिलेंस ब्यूरो ने बीते रोज धोखाधड़ी के द्वारा डी-फार्मेसी लाइसेंस प्राप्त करने वाले 9 कैमिस्टों को गिरफ्तार किया है।

इससे पहले विजिलेंस ने प्राईवेट कॉलेजों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के गलत दाखि़ले करने, रजिस्ट्रेशन करने और डी-फार्मेसी लाइसेंस जारी करने के मौके पर अनियमितताएं करने के दोष अधीन भादंसं की धारा 420, 465, 466, 468, 120-बी के अंतर्गत लुधियाना में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में पीएसपीसी के दो पूर्व रजिस्ट्रार मुलजिम प्रवीन कुमार भारद्वाज और डॉ. तेजवीर सिंह और सुपरीटेंडैंट अशोक कुमार को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है।

विजिलेंस के प्रवक्ता के मुताबिक उनकी जांच में 2005 से 2022 के दरमियान 143 विद्यार्थियों के जाली सर्टीफिकेटों का पता था। उन्होंने आगे बताया कि मंगलवार को इस मुकदमे में 9 फार्मासिस्टों को नामजद करके गिरफ्तार कर लिया है। यह फार्मासिस्ट प्राईवेट फार्मेसी कॉलेजों के मालिकों/ प्रिंसीपलों के द्वारा पैसे देकर अलग-अलग संस्थाओं से धोखो से जाली 10+2 पास सर्टिफिकेट और डी-फार्मेसी पास सर्टिफिकेट समेत पीएसपीसी से जाली रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करवाने के दोषी हैं। इस समय यह सभी मुलजिम अलग-अलग स्थानों पर मेडिकल की दुकानें चला रहे हैं और लोगों की कीमती जानों के साथ खेल रहे हैं।

गिरफ्तार किए आरोपियों में पटियाला के भादसों निवासी उमेश कुमार, मलेरकोटला के मोहम्मद असलम, मलेरकोटला के गांव लसोयी के अब्दुल सतार, गांव बिंजोके खुर्द के मोहम्मद मनीर, मंडी गोबिंदगढ़ के गुरदीप सिंह,पटियाला के बहादुरगढ़ के पुनीत शर्मा, पटियाला के गांव चप्पड़ा के रविंद्र कुमार, बरनाला के अशोक कुमार और लुधियाना के राहों रोड़ निवासी मनिंदर सिंह शामिल हैं।

इन निजी कॉलेजों की मिलीभगत से हासिल की थी आरोपियों ने डिग्रियां

प्रवक्ता ने आगे बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि उपरोक्त सभी मुलजिमों ने मिलीभगत के साथ अपनी डी-फार्मेसी की डिग्रियाँ जिन निजी कॉलेजों से हासिल की हैं उनमें बरनाला का पंजाब मल्टीपर्पज़ मेडिकल इंस्टीट्यूट शहना, लेहरगागा, संगरूर का लॉर्ड कृष्णा कॉलेज ऑफ फार्मेसी, संगरूर के सुनाम का ओंकार कॉलेज ऑफ फार्मेसी सजूमा,फाजिल्का के अबोहर के माँ सरस्वती कॉलेज ऑफ फार्मेसी, लुधियाना के रायकोट का जीएचजी कॉलेज ऑफ फार्मेसी और जिला मोगा का लाला लाजपत राय कॉलेज ऑफ फार्मेसी शामिल हैं।

 

 

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