Saturday , July 27 2024

नवंबर में सात अलग मामलों में रिश्वत लेते नौ सरकारी कर्मचारी रंगे हाथ गिरफ्तार

विजिलेंस ब्यूरो ने दो डाक्टरों, दो बिजली कर्मचारियों और दो पुलिस कर्मचारियों को किया काबू

अदालतों ने रिश्वत के आरोपी आठ कर्मचारियों को सुनाई कैद और जुर्माने की सजा

खबर खास, चंडीगढ़ :

भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाई गई मुहिम के तहत पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने नवंबर महीने में रिश्वत लेने के सात अलग-अलग मामलों में नौ सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इनमें दो डाक्टर, दो बिजली कर्मी और दो पुलिस कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा छह आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए हैं, जिनमें 14 कर्मचारी शामिल हैं। इस बात की जानकारी आज, मंगलवार को विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने दी।

उन्होंने बताया कि विशेष अदालतों ने विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दायर किए सात मामलों पर फैसला सुनाते हुए आठ अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी ठहराते हुए तीन से 7 साल तक की कैद और 10,000 से 60,500 रुपए तक के जुर्माने की सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि लुधियाना के विशेष जज की अदालत ने सेवा केंद्र, लुधियाना में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर हरकिन्दर सिंह को 4 साल की कैद और 10,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इसी तरह अतिरिक्त सैशन जज, फिऱोजपुर की अदालत ने फिऱोज़पुर शहरी थाने में तैनात सहायक सब-इंस्पेक्टर मेजर सिंह को दोषी करार देते हुए 4 साल की कैद और 10 हज़ार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

बरनाला की अदालत ने रिश्वतखोरी के दो मामलों में नवल किशोर, जूनियर इंजीनियर, पावरकॉम और चरनजीत सिंह सहायक सब-इंस्पेक्टर, थाना बरनाला को दोषी करार देते हुए 4 साल की कैद और 20,000-20,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इसी तरह अतिरिक्त सैशन जज, एस.बी.एस. नगर की अदालत ने महतपुर, जि़ला एस.बी.एस. नगर में तैनात पटवारी नन्द लाल को दोषी करार देते हुए 3 साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।

उन्होंने बताया कि एसएएस नगर के अतिरिक्त सैशन जज की अदालत ने दो अलग-अलग मामलों पर फैसलासुनाते हुए श्री फतेहगढ़ साहिब में तैनात नायब तहसीलदार अजीत सिंह लौंगिया को दोषी करार देते हुए पांच साल की कैद और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके अलावा पंजाब मंडी बोर्ड में तैनात सुपरीटेंडैंट इंजीनियर सुरिंदरपाल सिंह और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड में तैनात सुपरीटेंडैंट लाभ सिंह को सात-सात साल की कैद और 60,500 रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

प्रवक्ता ने बताया कि विजिलेंस ब्यूरो ने नवंबर महीने के दौरान अलग-अलग अदालतों में 17 विजिलैंस मामलों के चालान पेश किए हैं।