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खबर खास, चंडीगढ:
पंजाब से रवनीत बिट्टू के मंत्रीमंडल में शामिल होकर केंद्रीय राज्यमंत्री बनने के बाद लोगों के मन में सवाल है कि आखिर हार कर भी बिट्टू कैसे मंत्री बन सकते हैं। हालांकि इससे पहले भी पंजाब की नुमाइंदगी करने वाले नेता केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल होकर राज्यसभा तक जा चुके हैं।
हार कर अरुण जेटली वित्त मंत्री बने थे…2014 के बाद मोदी सरकार में मंत्री पद पर हमेशा पंजाब का प्रतिनिधित्व रहा है। बता दें कि 2014 में अरुण जेटली को अमृतसर से हार झेलनी पड़ी थी और उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया और फिर वे वित्त मंत्री तक की कुर्सी तक पहुंचे थे।
विजे सांपला को मंत्री बनाया : 2019 में हरदीप पुरी फिर से अमृतसर से चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया और मंत्री पद दिया गया। इसके अलावा 2014 में विजय सांपला को केंद्रीय राज्य मंत्री भी बनाया गया था। 2019 में होशियारपुर के सांसद सोम प्रकाश को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल भी 2019 में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री राव को बनाया था मंत्री: 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार बनी। देश की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब हो गयी थी। कहा जाता है कि डॉ. मनमोहन सिंह राव की वजह से ही राजनीति में आये थे। डॉ. मनमोहन सिंह ने 2005 में ब्रिटिश पत्रकार मार्क टुली को बताया था कि जिस दिन राव अपने मंत्रिमंडल का गठन कर रहे थे, उन्होंने अपने प्रमुख सचिव को मेरे पास यह कहते हुए भेजा था कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि आप वित्त मंत्री बनें।