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बठिंडा लोस चुनाव : कांग्रेस उम्मीदवार के आश्वासन के बाद निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह

दिवंगत गायक मूसेवाला के पिता से मिलने पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता
खबर खास, चंडीगढ़/मानसा :

दिवंगत युवा पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह के स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लडऩे को लेकर विवाद उस समय समाप्त हो गया, जब बीती देर रात परिवार ने बठिंडा से कांग्रेस उम्मीदवार जीत महेंद्र सिंह सिद्धू के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा देर रात बठिंडा लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी जीत मोहिन्दर सिंह सिद्धू के साथ गांव मूसा स्थित उनकी हवेली में गए।
इससे पहले कल यह चर्चा शुरू हो गई थी कि बलकौर सिंह बठिंडा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस से नहीं, बल्कि आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे, जिससे कांग्रेस हाईकमान थोड़ा सा विचलित था। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की चर्चा के बाद कांग्रेस उन्हें मनाने में जुटी हुई है।
वहीं, यह दावा करते हुए डॉ. मंजीत सिंह रंधावा ने कहा कि मूसेवाला परिवार स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडऩा चाहता था। लेकिन परिवार पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सहमति देने का दबाव बनाया है। उन्होंने कहा कि परिवार ने कल रात कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक परगट सिंह के माध्यम से कांग्रेस आलाकमान को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के अपने फैसले से अवगत करा दिया था।
गौर रहे कि मूसेवाला ने 2022 के विधानसभा चुनाव में मानसा से बतौर कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव लड़ा था लेकिन वह आप पार्टी के उम्मीदवार डा. विजय सिंगला से हार गए थे। यह मूसेवाला का पहला चुनाव था।
मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह सिद्धू ने बीती देर शाम मुसेवाला की हवेली में लोगों की एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी नेता ने न्याय के लिए उनका समर्थन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई और सरकार आपस में मिले हुए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी जीत महेंद्र सिंह सिद्धू ने अपने परिवार सहित उपस्थित लोगों को आश्वासन दिया कि वह न्याय की लड़ाई में हमेशा परिवार के साथ रहेंगे और परिवार को कभी नहीं छोड़ेंगे। वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मूसेवाला के परिवार को पार्टी से कोई शिकायत नहीं है, बल्कि वे केंद्र और पंजाब सरकार से नाखुश हैं, जिन्होंने न्याय की लड़ाई में परिवार का कभी समर्थन नहीं किया।