Friday , May 17 2024

पटवारियों के दफ्तर में आखिर यह प्राइवेट लड़के कौन?

उत्तराखंड के जनपद उधम सिंह नगर में अक्सर तहसीलों में आपने देखा होगा कि पटवारी वाले कक्षों में अक्सर प्राइवेट लड़के भी बैठे हुए दिखाई दे जाएंगे जो चर्चाओं का विषय बन जाते हैं, पटवारियों के साथ प्राइवेट लड़के कितने सही कितने गलत इसी पर जीरो ग्राउंड की रिपोर्ट हम आपके सामने पेश कर रहे हैं कि आखिर क्यों पटवारी इन प्राइवेट लड़कों से अपने काम में मदद लेते है ,

जनपद उधम सिंह नगर घनी आबादी वाला क्षेत्र है जिसमें राजस्व विभाग पर उत्तराखंड की सरहदों से लेकर स्थाई जाति आय प्रमाण पत्र, जमीनों से जुड़ी समस्याएं वीoआईoपीo दफ्तरों के काम से लेकर फील्ड के कामों की जिम्मेदारियों के साथ और भी अन्य दर्जनों भर से अधिक जिम्मेदारियां पटवारियों को निभानी होती हैं , हजारों ,लाखों की संख्या में रोज स्थाई जाति आय प्रमाण पत्र, आवेदन होते हैं और इन आवेदन हुए प्रमाण पत्रों को जल्द से जल्द निपटाना भी होता है क्योंकि इन प्रमाणपत्रों में नौनिहालों की जिंदगी नौजवानों का करियर दांव पर लगा होता है और इनको जल्दी से जल्दी निपटा एक अकेले पटवारी के बस की नहीं है, इसलिए पटवारी इन प्रमाणपत्रों की जांच रिपोर्ट में मदद के लिए LLB की तैयारी कर रहे हैं, या LLB के विद्यार्थियों को अपना संपर्क सूत्र बना लेते हैं, लोकल के बने यह सूत्र पटवारियों को जांच में मदद करते हैं क्योंकि प्रमाण पत्र को जल्द से जल्द तैयार करना होता है इसमें लोगों की जिंदगी का भविष्य दांव पर लगा होता है,

आप ही सोच कर बताइए क्या पटवारियों के पास अपने प्राइवेट सूत्रों का होना सही है या गलत तो आप ही खुद सोचिए ट्रांसफर हुए पटवारी को क्षेत्र को समझने में कितना समय लग जाएगा, दिन प्रतिदिन राजस्व विभाग में कामों को निपटाने के लिए एक पटवारी को कितना समय लगेगा, उदाहरण के लिए एक पटवारी के पास रोज 1000 प्रमाण पत्रों का आवेदन होता है और इस आवेदन में कुछ आवेदन ऐसे होते हैं जो समय पर नहीं हुए तो किसी के कैरियर पर फुलस्टॉप लग जाएगा, अपने प्राइवेट सूत्रों की मदद से जांच करने में पटवारियों को कई घंटों का काम कुछ ही मिनटों में हो जाता है और जल्द से जल्द ही प्रमाण पत्रों पर रिपोर्ट लगाने में मदद मिलती है, और अगर पब्लिक का काम पटवारी अपने प्राइवेट सूत्रों की मदद से कर लेते हैं तो इसमें गलत ही क्या है ?

पटवारियों की मदद में लगे लोगो पर आखिर ऑब्जेक्शन कौन लगाता है ये भी समझना आपके लिए बहुत जरूरी है,

जनपद , उधम सिंह नगर उत्तर प्रदेश की सीमाओं से लगा हुआ है और अक्सर हमने अपने आस-पड़ोस और मीडिया के माध्यम से सुना होगा कि उत्तर प्रदेश के निवासी दलालों की मदद से उत्तराखंड में आकर अपने स्थाई जाति, आय प्रमाण पत्र जैसे आवेदन कर देते हैं, जिनके मंसूबों पर पटवारियों के सूत्र पानी फेर देते हैं और उनकी ठेकेदारी बंद हो जाती है, फिर इन पटवारियों के सूत्रों को तोड़ने के लिए योजनाएं बनाते हैं, और उच्च अधिकारियों को पटवारियों के खिलाफ गलत फीडबैक दिया जाता है अधिकारियों को बताया जाता है ,कि प्राइवेट लड़के प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर पैसे मांगते हैं दरअसल इस बात से तो हम सब वाकिफ है, मोदी जी के डिजिटल जमाने में सारे काम ऑनलाइन ही होते हैं, तो फिर कैसी रिश्वतखोरी अब बात रही प्राइवेट लड़कों को वेतन की तो जब एक पटवारी अधिकारियो, नेताओं मंत्री गणों की वी०आई०पी के लिए अपने मासिक वेतन में से हजारों रुपए खर्च कर सकता है तो जनता की सुविधा सहूलियत के लिए चंद हजार रुपए अपने सूत्रों को नहीं दे सकते क्या ? आखिर अब समय आ चुका है कि जिले के मुखिया द्वारा इन प्राइवेट लड़कों को अथॉरिटी दी जाए ताकि दलाल इन पर ऑब्जेक्शन ना उठा पाए, और जनता के हितों के काम जल्द से जल्द निपटाए जा सकें

पत्रकार अज़हर मलिक