Thursday , May 22 2025

BSP सुप्रीमो मायावती ने कहा- भाषा के प्रति नफरत अनुचित, गुड गवर्नेंस वही जो संविधान के अनुसार चले

image

लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आजकल चल रहे भाषा विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भाषा के प्रति नफरत अनुचित है.

बसपा मुखिया मायावती ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि पश्चिम के महाराष्ट्र, गुजरात तथा दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु व केरल में बीएसपी संगठन के गठन की तैयारी व मजबूती एवं पार्टी के जनाधार को बढ़ाने आदि पर दिल्ली में हुई बैठक में गहन समीक्षा और आगे पूरे तन, मन, धन से पार्टी के कार्यों को दिशा-निर्देशानुसार बढ़ाने का संकल्प लिया गया.

उन्होंने आगे लिखा कि जनगणना व उसके आधार पर लोकसभा सीटों का पुन: आवंटन, नई शिक्षा नीति व भाषा थोपने आदि के चलते इन राज्यों व केंद्र के बीच राजनीतिक स्वार्थ के लिए विवाद से जन व देशहित का प्रभावित होना स्वाभाविक है. गुड गवर्नेंस वही है जो पूरे देश को संविधान के हिसाब से साथ लेकर चले.

मायावती ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले खासकर शोषित-उपेक्षित गरीबों, दलितों, आदिवासियों व पिछड़े वर्ग आदि के बच्चे-बच्चियां अंग्रेजी का ज्ञान अर्जित किए बिना आगे चलकर आईटी व स्किल्ड क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ सकते हैं, सरकार इस बात का जरूर ध्यान रखे. भाषा के प्रति नफरत अनुचित है.

इसके पहले उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि विदित है कि अन्य पार्टियों की तरह आए दिन सपा द्वारा भी पार्टी के ख़ासकर दलित लोगों को आगे करके तनाव व हिंसा का माहौल पैदा करने वाले अति विवादित बयानबाजी, आरोप-प्रत्यारोप व कार्यक्रम आदि का जो दौर चल रहा है, यह इनकी घोर संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति ही प्रतीत होती है.

उन्होंने आगे लिखा कि सपा भी दलितों के वोटों के स्वार्थ की खातिर यहां किसी भी हद तक जा सकती है. अत: दलितों के साथ-साथ अन्य पिछड़ों व मुस्लिम समाज आदि को भी इनके किसी भी बहकावे में नहीं आकर इन्हें इस पार्टी के राजनीतिक हथकंडों का शिकार होने से जरूर बचना चाहिए. ऐसी पार्टियों से जुड़े अवसरवादी दलितों को दूसरों के इतिहास पर टीका-टिप्पणी करने की बजाय यदि वे अपने समाज के संतों, गुरुओं व महापुरुषों की अच्छाइयों एवं उनके संघर्ष के बारे में बताएं तो यह उचित होगा, जिनके कारण ये लोग किसी लायक बने हैं.