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अब पंजाब में बिजली कटौती की समस्याएँ होंगी ख़त्म, मान सरकार ने किया पावर सिस्टम अपग्रेड

पंजाब सहित देश के कई प्रदेशों में भयंकर गर्मी अपना असर दिखा रही है। दोपहर में सड़कों पर आग बरस रही है। गर्मी आते ही बिजली की ओर सबका ध्यान जाता है। पंजाब (Punjab) के लोगों को गर्मी में बिजली संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए मान सरकार (Mann Sarkar) ने पूरी तैयारी की है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) के निर्देश पर गर्मी को लेकर बिजली विभाग (Electricity Department) ने पूरी तैयारी की है।

इसी क्रम में पंजाब के बिजली ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए एक और विशेष कदम उठाते हुए बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. (Minister Harbhajan Singh ETO) ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के दौरान पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा 66 के.वी. सबस्टेशन ट्रांसमिशन नेटवर्क में व्यापक अपग्रेड को सफलतापूर्वक लागू करने की बात कही है।

पंजाब के हर घर और उद्योग को गर्मी में भी बिजली मिले इसके लिए मान सरकार (Mann Sarkar) की वचनबद्धता की पुष्टि करते हुए मंत्री ने कहा कि पीएसपीसीएल ने बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिसमें पावर ट्रांसफार्मरों की बढ़ोतरी, नए 66 केवी सबस्टेशन और हाई-वोल्टेज लाइनों का विस्तार हुआ है।

मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने मीडिया को बताया कि मान सरकार अपने नागरिकों को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली सप्लाई प्रदान करने के मिशन पर है और यह अपग्रेड इस दिशा में उपयोगी कदम साबित होगा। उन्होंने आगे कहा कि सीएम भगवंत सिंह मान की अगुवाई में राज्य सरकार विकास और आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए राज्य के बिजली क्षेत्र को मजबूत करने के लिए समर्पित है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पीएसपीसीएल ने करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से 5 नए 66 के.वी. ग्रिड सबस्टेशन और 101 पावर ट्रांसफार्मर लगाए हैं। इसके साथ ही 160 करोड़ रुपये का निवेश कर 66 के.वी. ट्रांसमिशन लाइनों के साथ लगभग 200 सर्किट किलोमीटर को तैयार या अपग्रेड किया गया है।

मंत्री ई.टी.ओ. ने ने बताया कि चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च 2025) के दौरान करीब 82 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ विभिन्न जिलों में 354 एम.वी.ए. की कुल क्षमता वाले 37 पावर ट्रांसफार्मरों में बढ़ोतरी और नई स्थापना हुई है। इससे लुधियाना, बठिंडा, जालंधर, गुरदासपुर, बरनाला और संगरूर जैसे मुख्य क्षेत्रों में बिजली के बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव देखने को मिला है, जिसके साथ बेहतर लोड प्रबंधन और बिजली की विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया गया है।