पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने मेडिकल कॉलेजों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें कि पंजाब (Punjab) की मान सराकर का लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) के निर्माण के लिए अब खुद डिजाइन और प्लानिंग, जिससे समय पर इन परियोजनाओं को पूरा किया जा सके। पिछले काफी समय से योग्य एजेंसी न मिलने के कारण इन अस्पतालों का काम रुका हुआ है। यही वजह है कि इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) मॉडल पर अस्पतालों का निर्माण न कराने के लिए कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा, जिससे विभाग खुद ही इनकी प्लानिंग व डिजाइनिंग का काम शुरू कर सके। कपूरथला व नवां शहर में नया मेडिकल कॉलेज बनना है।
लोक निर्माण विभाग (PWD) के मुताबिक केंद्र सरकार ईपीसी मॉडल (EPC Model) पर ही निर्माण कार्य करवाने पर जोर देता है, जिसके तहत ही एक ही एजेंसी से इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण का काम कराया जाता है। बीते दो साल से विभाग इन अस्पतालों के निर्माण के लिए योग्य एजेंसी की खोज में है, लेकिन कोई एजेंसी रुचि नहीं दिखाई रही है। इस कारण अब खुद ही विभाग ने इनके डिजाइन और प्लानिंग का काम करने की तैयारी कर रहा है, वहीं निर्माण के लिए एजेंसी हायर की जाएगी। इससे दोनों परियोजनाओं का काम और अधिक नही लटकेगा।
आपको बता दें कि पंजाब के नवांशहर में 300 करोड़ की लागत से कॉलेज बनाया जा रहा है, जिसमें एमबीबीएस की 50 सीटें होंगी। हाल ही में सीएम भगवंत सिंह मान ने इस कॉलेज का नींव पत्थर रखा था। इसी तरह कपूरथला में मेडिकल कॉलेज के साथ ही 500 बेड की क्षमता के साथ अस्पताल बनेगा, जिससे इलाज के लिए लोगों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इसके साथ ही होशियारपुर, संगरूर व मलेरकोटला में भी मेडिकल कॉलेज (Medical College) बनना है। होशियारपुर और कपूरथला मेडिकल कॉलेज का काम बीते 5 सालों से रुका हुआ है। सरकार ने इन परियोजनाओं के लिए 350 करोड़ रुपये का फंड भी जारी किया हुआ है। संगरूर में मेडिकल कॉलेज के साथ ही 200 बेड के जिला अस्पताल को अपग्रेड भी किया जाना है। मलेरकोटला में अल्पसंख्यक कोटे से मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जानी है। जमीन संबंधित विवादों और योग्य एजेंसी न मिलने के कारण इन कॉलेजों का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इन सब कामों को पूरा कराने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान लोक निर्माण विभाग को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने जा रहे हैं।
पंजाब में इस समय 11 कॉलेजों में एमबीबीएस की 1650 सीटें हैं, लेकिन इन चार कॉलेजों के शुरू होने के बाद सीटों की संख्या 2 हजार के पार हो जाएगी। इससे पंजाब में एमबीबीएस में दाखिला पाने के इच्छुक विद्यार्थियों को फायदा होगा।