पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि राज्य सरकार ने भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के सपनों को साकार करने के लिए समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों के सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं।

बाबा साहेब डॉ. बी. आर. अंबेडकर की जयंती के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह के दौरान उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब एक महान विद्वान, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर विश्व इतिहास की महानतम विभूतियों में से एक हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भले ही डॉ. अंबेडकर एक साधारण परिवार से थे, लेकिन उनके अमूल्य योगदान ने उन्हें विश्व नेताओं में से एक बना दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संविधान डा. अम्बेडकर की कड़ी मेहनत, लगन और दूरदर्शिता का परिणाम है। उन्होंने आगे कहा कि बाबासाहेब न केवल कमजोर वर्गों के नेता थे, बल्कि वे पूरी मानवता के नेता थे। डा. अंबेडकर के दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि यही धरती के इस महान सपूत को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि हम सभी को जाति, रंग और नस्ल की संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय और समानता प्राप्त करने के लिए एक समतावादी समाज बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि डॉ. अंबेडकर ने हमेशा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सहित हर क्षेत्र में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा दिया और उन्होंने सभी के लिए समान दर्जा और सम्मान की वकालत की। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि डा. अंबेडकर के इस सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से डॉ. अंबेडकर के दिखाए मार्ग पर चलने तथा धर्म, जाति, रंग और जातीयता के संकीर्ण विचारों को त्यागकर समरस और समतामूलक समाज बनाने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब के जीवन और दर्शन के अनुरूप राज्य सरकार शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है और लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय पहल की गई है। उन्होंने कहा कि कोई भी मुफ्त या रियायती सुविधा राज्य से गरीबी या अन्य सामाजिक बुराइयों को खत्म नहीं कर सकती, लेकिन शिक्षा ही वह कुंजी है जो लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठा सकती है और उन्हें इस चक्र से बाहर निकाल सकती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी कारण उनकी सरकार आम आदमी को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति के छह मंत्रियों को जगह देकर पहली बार एजी की नियुक्ति की गई है। आप सरकार नौकरियों में आरक्षण प्रदान करके और अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति का सुचारू वितरण सुनिश्चित करके बाबा साहेब के सपनों को पूरा कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महान नेता के सपनों को साकार करने के लिए पंजाब सरकार राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजना आम लोगों की मजबूरी थी, लेकिन अब शिक्षा प्रणाली को नया स्वरूप दिया जा रहा है, जिसके चलते अब आम लोग स्वेच्छा से अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य भर में स्कूल ऑफ एमिनेंस स्थापित किए गए हैं और इसी तरह सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली को भी उन्नत किया जा रहा है।

राज्य की शांति, प्रगति और समृद्धि के मार्ग में बाधा डालने की कोशिश कर रही विभाजनकारी ताकतों पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी ताकतें अब पंजाब में डॉ. बीआर अंबेडकर की अगुवाई में हैं और वे उनकी प्रतिमाओं को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस जघन्य अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस जघन्य कृत्य में शामिल दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।