चंडीगढ़ | पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से टीजीटी भर्ती मामले में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) पर 50000 रुपये की कॉस्ट लगाई गयी है. पहले यह कॉस्ट आयोग के सचिव पर लगी थी, लेकिन आयोग के सचिव की ओर से सरकारी वकील ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि जो रिकॉर्ड मांगा गया था, वह आयोग के चेयरमैन के पास रहता है ना कि सचिव के पास.
सोमवार को हुई सुनवाई
ऐसे में अदालत ने सचिव पर लगाई कॉस्ट आयोग पर लगा दी और सचिव को लागत से मुक्त कर दिया है. एडवोकेट अंकुर सिधार ने बताया कि सोमवार को इस मामले की सुनवाई हुई, तो खंडपीठ ने टीजीटी उम्मीदवारों की आगे ज्वाइनिंग को फिलहाल रोक दिया है. जस्टिस त्रिभुवन दहिया की खंडपीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई की. अंतरिम आदेश में खंडपीठ ने लिखा, ‘राज्य अधिवक्ता ने विषय विशेषज्ञों की मूल रिपोर्ट और मुख्य परीक्षकों/ विषय विशेषज्ञों के विवरण सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत किए हैं.
उन्होंने बताया कि असावधानी की वजह से न्यायालय के संज्ञान में यह बात नहीं लाई जा सकी कि सचिव के पास उपर्युक्त मूल दस्तावेज तथा विवरण नहीं थे, जो आयोग के पूर्व अध्यक्ष के पास थे. उन्होंने सिर्फ गोपनीय ब्रांच द्वारा दिए गए डाक्यूमेंट्स के आधार पर भरोसा किया, जो अध्यक्ष के प्रशासनिक नियंत्रण में है. उनकी तरफ से की गई गलती बोनाफाइड है, जिसके लिए बिना शर्त माफी मांगते हुए ईमानदारी से खेद व्यक्त किया जाता है.
सचिव को नहीं करना होगा कॉस्ट का भुगतान
जस्टिस त्रिभुवन दहिया की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश में लिखा, ‘क्षमायाचना स्वीकार करते हुए, आयोग के सचिव को दिनांक 01.04.2025 के अंतरिम आदेश के अनुसार पर्सनल रूप से कॉस्ट का भुगतान करने की जिम्मेदारी से फ्री किया जाता है. इसके अपेक्षा, लागत का भुगतान आयोग द्वारा एक सप्ताह के अंदर किया जाएगा. अगली सुनवाई 16 मई 2025 को होगी. मूल रिपोर्ट को दोबारा सील करके राज्य अधिवक्ता को लौटा दिया गया है, जो परीक्षकों/ विशेषतों के नाम काले करने (ब्लैकनिंग) के पळात विषय विशेषज्ञों मुख्य परीक्षकों की मूल रिपोर्ट की फोटोकॉपी के साथ रजिस्ट्री में विस्तृत उत्तर दाखिल करने के लिए कहा है.
आगे की जॉइनिंग पर लगी रोक
उत्तर में आपत्तियों की जांच करने के लिए विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति की प्रक्रिया और उनके सिलेक्शन का आधार भी बढ़ाया जाएगा. आयोग की ओर से नियुक्त विशेषज्ञों की योग्यता और स्थिति का भी खुलासा किया जाएगा. इस बीच 27 जुलाई 2024 के रिजल्ट के आधार पर प्रतिवादियों के किसी भी उम्मीदवार को आगे नियुक्ति देने से रोका जाता है.
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