चंडीगढ़ | हरियाणा में साल 2019 में क्लर्क भर्ती हुई थी. यह भर्ती कई दिनों तक विवादों में रही थी. यह 7 साल पुरानी भर्ती एक बार फिर खुली है. 7 साल बाद पुरानी इस क्लर्क भर्ती को फिर से खोलने का निर्णय लिया गया है. हरियाणा सरकार (Haryana Govt) के कार्मिक विभाग द्वारा हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) से क्लर्क भर्ती 5/ 2019 के तहत रिक्त पड़े पदों की रिपोर्ट मांगी गई है. इस भर्ती के लिए पहले से विवाद चल रहा था, जिसकी वजह से 900 क्लर्कों की भर्ती को संशोधित किया गया था.
900 क्लर्कों की नियुक्ति पर उठा था सवाल
साल 2022 में क्लर्क भर्ती में गड़बड़ी पाई गयी थी, जिसकी वजह से HSSC ने 900 क्लर्कों की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे. इसके अलावा, 4798 में से 900 क्लर्कों की नियुक्ति नए सिरे से करने के लिए कहा गया था. इस भर्ती में गड़बड़ी पाए जाने के बाद HSSC ने 2019 में निकली क्लर्कों की भर्ती का परिणाम जारी किया था. सितंबर 2020 से नौकरी पर लगे सभी क्लर्कों की नौकरी को तत्काल रूप से खत्म कर दिया गया था.
परीक्षा के दोनों सेट में हुआ उत्तर का उलटफेर
2019 में क्लर्क भर्ती के लिए परीक्षा हुई, इसमें पेपर के दो सेट थे. सेट ए में दिए गए 9, 24 और 62 नंबर के प्रश्न ही सेट सी में 3, 47 और 66 नंबर पर थे. उत्तर के लिए ए, बी, सी, डी चार ऑप्शन दिए गए थे. दोनों सेट में जवाब का उलटफेर किया गया था. यदि सेट ए में जवाब सी है, तो सेट सी में ए था. जो कॉपियां जांची गईं, वो एक ही ऑप्शन के आधार पर जांची गईं. यानी आयोग ने जो परिणाम जारी किया, उनमें दोनों का ही जवाब ऑप्शन सी रहा था.
मामले कों लेकर हाईकोर्ट पहुंचे उम्मीदवार
इन अंकों की वजह से बहुत से अभ्यर्थियों के नंबर कटे और वे भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए. भर्ती की परीक्षा के परिणाम जारी करने के बाद 8 सितंबर 2022 को नियुक्तियां दे दी गईं. हालांकि, जो छात्र इन सवालों का जवाब गलत देने से भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए थे, वे मामले को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट चले गए. छात्रों ने संशोधित परिणाम जारी करने के अपील व्यक्त की. दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 2022 में सवालों को सही मानते हुए संशोधित परिणाम जारी करने के आर्डर दे दिए थे.
13168 अभ्यर्थी ही आए दस्तावेज जांच कराने
इस फैसले के आते ही 1 लाख से ज्यादा छात्रों के नंबर बढ़ गए. करीबन 48 हजार अभ्यर्थियों के नंबर कम हो गए. इसी आधार पर आयोग ने संशोधित परिणाम जारी किए और बायोमेट्रिक और चेहरे के निशान न मिलने की वजह से 58 अभ्यर्थियों के परिणाम पर रोक लगा दी. आयोग ने 24,097 अभ्यर्थियों को दस्तावेज जांच के लिए बुलाया, जिनमें से सिर्फ 13,168 अभ्यर्थी ही पहुंचे.
इन पदों पर नियुक्ति की संभावना
इनमें से करीबन 900 ऐसे छात्र थे, जो चयनित थे मगर दस्तावेज जांच वाले दिन गैर हाजिर रहे. अनुमान लगाया गया कि इन लोगों के पास फर्जी दस्तावेज थे, जो जांच में पकड़े जा सकते थे इसीलिए वह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए नहीं पहुंचे. ऐसे में अब इन्हीं पदों के लिए नियुक्ति की जा सकती है. ऐसे में जो भी उम्मीदवार इस भर्ती में शामिल हुए थे और कुछ अंकों की वजह से उनका चयन नहीं हुआ था अब उनके लिए एक उम्मीद की किरण दिखाई दें रही है.
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