अभिमनोज
अदालत में भी कभी-कभी गलत फैसले हो सकते हैं, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट का एक फैसला इसलिए आपत्तिजनक सवालिया निशान बन गया है, क्योंकि इस दौरान की गई टिप्पणी को सुप्रीम कोर्ट ने असंवेदनशील माना है.
खबरों की मानें तो…. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि- नाबालिग लड़की के ब्रेस्ट पकड़ना और उसके पायजामे के नाड़े को तोड़ना रेप या अटेम्प्ट टु रेप नहीं है.
खबरें हैं कि…. जस्टिस बीआर गवई और एजी मसीह की बेंच ने इस केस पर सुनवाई करते हुए कहा कि- हाईकोर्ट के ऑर्डर में की गई कुछ टिप्पणियां पूरी तरह असंवेदनशील और अमानवीय नजरिया पेश करती हैं.
अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है.
इस मामले में अदालत का कहना है कि- यह बहुत गंभीर मामला है और जिस जज ने यह फैसला दिया, उसकी तरफ से बहुत असंवेदनशीलता दिखाई गई, इसलिए हमें यह कहते हुए बहुत दुख है कि- फैसला लिखनेवाले में संवेदनशीलता की पूरी तरह से कमी थी.
उल्लेखनीय है कि…. इस मामले में एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने खुद नोटिस लिया था और इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट में अब सुनवाई हो रही है!