चंडीगढ़ | हरियाणा में अब सांझे खाते की जमीन का बंटवारा खून के रिश्तों में भी संभव होगा. संयुक्त जमीन का बंटवारा हिस्सेदारों में सहमति से करने के लिए राजस्व अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा. यह कदम अदालती झगड़ों में कमी लाने के उद्देश्य से उठाया गया है. इसी मकसद से प्रदेश सरकार (Haryana Govt) ने 5 साल पहले बनाए गए नियम में संशोधन करने का फैसला लिया है.
विधानसभा सत्र में पेश होगा संशोधन विधेयक
विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ‘पंजाब भू- राजस्व (हरियाणा संशोधन) अधिनियम 2020’ में बदलाव करते हुए ‘हरियाणा भू राजस्व (संशोधन) विधेयक- 2025’ सदन पटल पर रखेंगे. तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल के दौरान संयुक्त मालिकों में सांझी जमीन के बंटवारे के लिए कानून में धारा 111-क जोड़ी गई थी, लेकिन इस दायरे से रक्त संबंधियों और पति- पत्नी को बाहर रखा गया था.
इससे मतभेद बढ़ रहे थे और हिस्सेदारी के मामलों में मुकदमेबाजी हो रही थी. इन्हीं विवादों को खत्म करने के लिए नए नियम जोड़े जा रहे हैं, जो पति- पत्नी को छोड़कर सभी पर लागू होंगे.
राजस्व अधिकारी सुनिश्चित करेंगे बंटवारा
राजस्व अधिकारी अधिनियम की धारा 114 के तहत यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई अन्य सह- स्वामी अपनी हिस्सेदारी की जमीन का बंटवारा करना चाहता है या नहीं. आमतौर पर ऐसा देखा जाता था कि संयुक्त संपत्ति के सह- स्वामी अपनी जमीन नहीं बेच पाते थे, जब तक उसका बंटवारा नहीं होता. अब सरकार इस समस्या के समाधान के लिए अधिनियम में संशोधन करने जा रही है.
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