पंजाब के सरकारी स्कूलों के 72 शिक्षकों का एक जत्था प्रशिक्षण के लिए आज फिनलैंड रवाना होगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दो सप्ताह की अवधि का होगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान व्यक्तिगत रूप से इस टीम से मिलेंगे और उन्हें रवाना करेंगे। इस अवसर पर चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर सुबह 10.30 बजे समारोह का आयोजन किया गया है, जिसमें शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस भी भाग लेंगे। सरकार का उद्देश्य इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना तथा कक्षा के डर को खत्म करना है।
तुर्कु विश्वविद्यालय के साथ समझौता-
यह पंजाब सरकार का दूसरा बैच है, जिसे प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार ने तुर्कु विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके तहत शिक्षकों का एक सप्ताह का प्रशिक्षण पंजाब में तथा दो सप्ताह का प्रशिक्षण फिनलैंड में कराया जाएगा। सरकार द्वारा राज्य के 132 स्कूलों को “खुशियों के स्कूल” के रूप में विकसित किया जा रहा है। “खुशियों की पाठशाला” परियोजना श्री आनंदपुर साहिब से शुरू की गई है।
सिर्फ यही शिक्षक होंगे पात्र-
सरकार जिन शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए भेज रही है। सेवानिवृत्ति से पहले उन्हें अभी भी लंबा सफर तय करना है। सरकार ने शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण में शामिल होने की अधिकतम आयु 43 वर्ष निर्धारित की थी। सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा था कि 31 जनवरी 2025 तक उनकी आयु 43 वर्ष या उससे कम होनी चाहिए। एचटी, सीएचटी और बीपीईओ पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 48 वर्ष है।
आवेदकों के पास सितंबर 2025 तक वैध भारतीय पासपोर्ट होना चाहिए। उनके खिलाफ किसी भी तरह का कोई मामला या जांच नहीं होनी चाहिए। आम आदमी पार्टी के शासन वाले पंजाब के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को सिंगापुर और आईआईएम अहमदाबाद सहित कई प्रसिद्ध स्थानों से प्रशिक्षण दिया गया है।