तेलंगाना (Telangana)के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी (Chief Minister Revanth Reddy)ने भाषा विवाद(Language controversy) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) पर तीखा कटाक्ष(sharp sarcasm) किया है। रेड्डी ने कहा कि उन्होंने हिंदी इसलिए सीखी ताकि वह राजनीतिक तौर पर पीएम मोदी को चुनौती दे सकें। यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार पर हिंदी को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय भाषाओं की उपेक्षा करने का आरोप लग रहा है।
रेड्डी ने कहा, “हिंदी में बोल रहा हूं ना? मुझे फायदा दिखा राजनीति में हिंदी सीखने से। मैं मोदी जी को टोक सकता हूं।” उन्होंने बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि अगर हिंदी को इतना जोर-शोर से बढ़ावा दिया जा रहा है, तो तेलुगु और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के लिए क्या सुविधाएं दी गई हैं। उन्होंने कहा, “हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है। अगर यह वैकल्पिक हो तो किसी को आपत्ति नहीं, लेकिन इसे हम पर थोपने की कोशिश क्यों की जा रही है?”
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने सिविल सेवा परीक्षाओं से तेलुगु भाषा को हटा दिया है, जो क्षेत्रीय भाषाओं के प्रति उनकी उदासीनता को दर्शाता है। रेड्डी ने स्पष्ट किया कि वह हिंदी के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इसके थोपे जाने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, “मैंने हिंदी सीखी और आज बोल भी रहा हूं, लेकिन तेलुगु दूसरी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा है। इसके लिए भी प्रयास होने चाहिए।”
यह विवाद तब शुरू हुआ जब बीजेपी पर दक्षिण भारत में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए दबाव डालने के आरोप लगे। रेड्डी ने कहा कि भाषाई विविधता का सम्मान किया जाना चाहिए और क्षेत्रीय भाषाओं को भी समान अवसर मिलना चाहिए। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी चर्चा छेड़ दी है, जहाँ लोग उनके तंज और भाषा नीति पर उनके रुख की सराहना और आलोचना दोनों कर रहे हैं।