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यूपी : मायावती ने अब भाई आनंद कुमार को नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटाया, इन्हें सौंपी जिम्मेदारी

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नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला है. पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय समन्वयक (नेशनल कॉर्डिनेटर) पद से हटाने का फैसला किया है, जबकि कुछ दिन पहले ही उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया था. इससे पहले मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. यह बदलाव बसपा में नेतृतव को लेकर बड़े उलटफेर को दर्शाता है.

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि आनंद कुमार अब केवल पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर ही बने रहेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय आनंद कुमार की अपनी इच्छा के अनुरूप लिया गया है. मायावती ने ट्वीट किया, काफी लम्बे समय से निस्वार्थ सेवा व समर्पण के साथ कार्यरत बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनन्द कुमार को अभी हाल ही में नेशनल कोआर्डिनेटर भी बनाया गया था. उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित के मद्देनजऱ एक पद पर रहकर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसका स्वागत है.

मायावती ने आगे बताया कि आनंद कुमार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के तौर पर पहले की तरह उनके सीधे मार्गदर्शन में काम करते रहेंगे. उनकी जगह, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के रणधीर बेनीवाल को राष्ट्रीय समन्वयक की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है. अब रणधीर बेनीवाल और रामजी गौतम, ये दोनों राष्ट्रीय समन्वयक के तौर पर मायावती के सीधे निर्देशन में विभिन्न राज्यों में पार्टी की जिम्मेदारियां संभालेंगे. मायावती ने उम्मीद जताई कि नए समन्वयक पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ कार्य करेंगे.

यह निर्णय बसपा प्रमुख के द्वारा लिए गए एक और चौंकाने वाले फैसले के कुछ दिनों बाद आया है. रविवार को ही आनंद कुमार को राष्ट्रीय समन्वयक घोषित किया गया था, लेकिन तीन दिन के भीतर ही यह फैसला पलट दिया गया.

इससे पहले, मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटाने का निर्णय लिया था, जिसने पार्टी के भीतर कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया था. आकाश आनंद को मायावती ने दो बार अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन रविवार को उन्हें राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटा दिया गया. फिर, सोमवार को मायावती ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए आकाश आनंद को पार्टी से ही निष्कासित करने का ऐलान कर दिया.

मायावती ने आकाश आनंद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पश्चाताप करने के बजाय अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ की तरह ही अहंकार दिखाया. उन्होंने यह भी दावा किया कि आकाश आनंद ने अपने ससुर के साथ मिलकर पार्टी विरोधी गतिविधियों में भाग लिया, जिसके कारण उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया. बसपा में नेतृत्व परिवर्तन और आंतरिक कलह के ये ताज़ा घटनाक्रम पार्टी के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े करते हैं.