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Haryana Budget: हरियाणा सरकार के बजट पर टिकी सभी की नजरें, कर्मचारी व पेंशनर्स को यह उम्मीदें


चंडीगढ़ | केंद्रीय बजट आने के बाद अब हरियाणा के निवासियों की नजरें सैनी सरकार के बजट (Haryana Budget) पर टिकी हुई है. किसान, महिला और युवा वर्ग के साथ राज्य के कर्मचारियों व पेंशनर्स कों भविष्य बजट का इंतजार हैं. सभी कों मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पहले बजट से काफी उम्मीदें हैं.

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आठवें वेतन आयोग के लिए बनाई जाए समिति

कर्मचारियों की सबसे बड़ी डिमांड है कि केंद्र सरकार की तरफ से आठवें वेतन आयोग का गठन किए जाने के बाद अब राज्य सरकार को भी आठवें वेतन आयोग के लिए समिति बनाने का ऐलान कर देना चाहिए. इस बारे में कर्मचारी संगठन द्वारा भी मांग उठाई जा चुकी हैं. अगर सरकार इस बारे में कोई कदम उठाती है, तो राज्य कर्मचारियों के लिए यह बड़ी घोषणा होगी.

बैक डोर से किये जा रहे अस्थाई कर्मचारी भर्ती

हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के करीबन दो लाख पद रिक्त हैं. कर्मचारियों की कहना है कि राज्य सरकार ने अपने घोषणा पत्र में एलान किया था कि दो लाख खाली पदों को भरा जाएगा. सरकार की तरफ से अब तक इसका कोई खाका नहीं खींचा गया है.

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सरकार स्थायी पदों को भरने के बजाय बैक डोर से अस्थायी कर्मचारियों को भर्ती कर रही है और उन्हें पक्का करने के नाम पर उनकी जॉब को सेफ किया जा रहा है, जबकि उनकी मांग है कि उन्हें पक्का करने और पक्के कर्मचारियों की तर्ज पर मानदेय व अन्य भत्ता दिए जाने चाहिए. खाली पदों को भरने के लिए सरकार को बजट में प्रावधान करना चाहिए. कर्मचारियों की ओर से यह भी कहा गया है कि पेंशनरों की समस्याओं पर सरकार ध्यान नहीं देती है.

जिला स्तर पर बनाना चाहिए हेल्प डेस्क

पेंशनरों को अपनी परेशानियों के लिए कई बार चंडीगढ़ स्थित मुख्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं. सरकार को जिला स्तर पर हेल्प डेस्क निर्मित करनी चाहिए. सरकार को सुझाव कमेटियों में पेंशनरों को भी सम्मिलित करना चाहिए, ताकि उनकी समस्याओं का भी हल हो जाए.

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ढंग से लागू नहीं हुई कैशलेस इलाज की सुविधा

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के कृष्ण निर्माण का कहना है कि कोविड के दौरान फ्रीज किया गया डीए-डीआर आज तक जारी नहीं हुआ है. इस बारे में कई बार आश्वासन दिया जा चुका है, लेकिन अब तक डिमांड पूरी नहीं हुई है. कैशलेस इलाज की सुविधा भी ठीक ढंग से लागू नहीं हो सकी है. कर्मचारियों को सभी अस्पतालों में कैशलेस की सुविधा की जाए या फिर मेडिकल अलाउंस में इन्क्रीमेंट होना चाहिए. इसके साथ ही, केंद्र सरकार के तर्ज पर अब राज्य कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन का ऐलान भी कर दिया जाना चाहिए.

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एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा

ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा का कहना है कि हरियाणा सरकार के पास बजट के जरिये कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का अच्छा अवसर है. सरकार को कर्मचारियों के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड व हिमाचल प्रदेश के जैसे एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा होनी चाहिए.

इसके लिए सरकार कों बजट में अलग से प्रावधान करना चाहिए. न्यूनतम वेतन में भी वृद्धि की जानी चाहिए. हमारी मांग है कि न्यूनतम वेतन कम से कम 26 हजार होना चाहिए. केंद्र की तर्ज पर एचआरए के स्लैब में भी बदलाव करना चाहिए और इसे 10- 20- 30 फीसदी करना चाहिए.


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