चंडीगढ़ | हरियाणा में अब कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी सरकार की अनुमति के बिना अदालत में गवाही देने जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, ऐसे कर्मचारी को किसी भी प्रकार का यात्रा भत्ता या महंगाई भत्ता नहीं दिया जाएगा. अदालत में चल रहे मामलों में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की गवाही अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करवाई जाएगी.
इस संबंध में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आदेश जारी कर दिए हैं. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत, यह प्रावधान किया गया है कि गवाहों की जांच और न्यायालय में उनकी उपस्थिति को आधुनिक ऑडियो- वीडियो तकनीक से सुगम बनाया जाए.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी गवाही
इन नियमों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, प्रबंध निदेशकों और बोर्ड- निगमों के मुख्य प्रशासकों को निर्देश जारी किए हैं. अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उनकी आधिकारिक क्षमता में साक्ष्य प्रस्तुति या गवाही ऑडियो- वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही करवाई जाए. इसके लिए न्यायालय अधिकारियों या संबंधित लोक अभियोजकों के साथ समन्वय स्थापित करना आवश्यक होगा, ताकि गवाही प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके.
भौतिक उपस्थिति के लिए लेनी होगी अनुमति
यदि किसी मामले में कोर्ट में भौतिक रूप से उपस्थित होना अनिवार्य है, तो संबंधित कर्मचारी को अपने विभागीय अधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी होगी. इसके लिए उसे उपस्थिति का विस्तृत कारण प्रस्तुत करना होगा. कार्यालय प्रमुख सभी तथ्यों का मूल्यांकन करेगा और फिर ही भौतिक उपस्थिति के लिए अनुमति प्रदान की जाएगी. इन नियमों का पालन न करने पर कर्मचारी को यात्रा भत्ता और महंगाई भत्ता नहीं दिया जाएगा. साथ ही, सेवा नियमों के तहत उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.
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