चंडीगढ़ | हरियाणा हाउसिंग बोर्ड 31 मार्च को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) में मर्ज हो जाएगा. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाउसिंग बोर्ड को भंग करके उसे HSVP में विलय की मंजूरी दे दी है. बोर्ड की पूरी प्रॉपर्टी अब प्राधिकरण में समायोजित हो जाएगी. इसको लेकर विधानसभा में संशोधित विधेयक भी लाया जा सकता है या कैबिनेट मीटिंग में ऑर्डिनेंस पास किया जा सकता है. वहां से मंजूरी के बाद 1 अप्रैल से हाउसिंग बोर्ड भंग करके उसका संचालन HSVP के पास चला जाएगा. इसे लेकर हाउसिंग फॉर ऑल के कमिश्नर मोहम्मद शाइन ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के एसीएस एके सिंह को पत्र लिखा है.
‘नो प्रोफिट- नो लॉस’ की नीति पर हुआ था गठन
1971 में तत्कालीन सीएम चौधरी बंसीलाल ने ‘नो प्रोफिट- नो लॉस’ की नीति पर गरीबों को मकान मुहैया कराने के लिए हाउसिंग बोर्ड का गठन किया था. बोर्ड ने करीब एक लाख फ्लैट बनाकर बेचे, लेकिन धीरे- धीरे बोर्ड की आर्थिक स्थिति गड़बड़ाती गई और फ्लैट की क्वॉलिटी पर भी सवाल उठने लगे.
कमेटी गठित
हरियाणा में आवास बोर्ड को समाप्त करने की तैयारी है. हरियाणा आवास बोर्ड को 1971 में तत्कालीन सीएम चौधरी बंसी लाल ने गठित किया था. अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसको समाप्त करने की मंजूरी दे दी है. यह बोर्ड अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) में शामिल हो जाएगा. 1 अप्रैल से आवास बोर्ड का अस्तित्व प्रदेश में समाप्त हो जाएगा. इससे पहले सरकार ने हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारियों के लिए एक कमेटी का गठन किया है.
जानकारी के अनुसार, सभी के लिए आवास विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाईन ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) एके सिंह को इस संबंध में पत्र लिखा है, जिसमें आवास बोर्ड को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में शामिल करने की जानकारी दी गई है.
हरियाणा आवास बोर्ड के पास थे यह काम
- आवास की कमी को पूरा करने के लिए हर साल नई योजनाएं बनाना.
- ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी वर्ग के लोगों को लाभ पहुंचाना.
- शहरी और अर्ध- शहरी इलाकों में आवास की जरूरतों को पूरा करना.
- समाज के सभी वर्गों को आवास के समान अवसर मुहैया कराना.
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