चंडीगढ़ | हरियाणा में पिछड़ा वर्ग ए और पिछड़ा वर्ग बी को तभी आरक्षण मिल सकता है जब पंचायतों, ब्लॉक समितियों और जिला परिषदों में अनुसूचित जातियों (SC) के लिए आरक्षित सीटें रिक्त रहेंगी. अगर किसी पंचायती राज संस्था में 50% सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व होती है, तो वहां बीसी- ए और बीसी- बी को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. दूसरे नंबर पर BCA को आरक्षण में प्राथमिकता मिलेगी. यदि एससी और बीसी- ए वर्ग को मिलने वाली सीटें 50% से कम रहती हैं, तभी बीसी- बी के लोगों को रिजर्वेशन का लाभ मिल पाएगा.
हरियाणा में लागू हुए थे नए नियम
विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल द्वारा हरियाणा पंचायती राज निर्वाचन नियम-1994 को संशोधित करके हरियाणा पंचायती राज निर्वाचन संशोधन नियम- 2025 लागू कर दिए गए हैं. इनके अनुसार, अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वार्ड के अवधारण के बाद पिछड़ा वर्ग- ए के लिए आरक्षित किए जाने वाले वार्ड का अवधारण होगा. अनुसूचित जातियों के लिए जो वार्ड रिज़र्व है उन्हें पिछड़ा वर्ग- ए के लिए वार्डों के अवधारण के लिए निकाले जाने वाले ड्रा से अलग रखा जाएगा.
इन नियमों का भी रखा जाएगा ध्यान
इसी प्रकार अनुसूचित जातियों और पिछड़ा वर्ग- ए के लिए आरक्षित वार्ड अवधारण हो जाने के बाद ही पिछड़ा वर्ग- बी के लिए रिजर्व किए जाने वाले वार्डो का अवधारण होगा. अनुसूचित जातियों और पिछड़ा वर्ग- ए के लिए जो वार्ड रिज़र्व होंगे, उन्हें पिछड़ा वर्ग- बी के लिए वार्डों की अवधारण के लिए निकाले जाने वाले ड्रा से अलग रखा जाएगा. यदि किसी भी कारण अनुसूचित जाति के पर्याप्त उम्मीदवार नहीं मिलते हैं, तो उस स्थिति में बीसी- ए को 8 प्रतिशत और बीसी- बी को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा में नवंबर 2024 को अनुसूचित जातियों को दो कैटिगिरीयों- अनुसूचित जातियां और दूसरी वंचित अनुसूचित जातियों में बांटा गया था.
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