अभिमनोज
उत्तर प्रदेश के पारिवारिक न्यायालय का कहना है कि- क्रूरता और प्रेम साथ-साथ नहीं चल सकते.
खबर है कि…. कानपुर में शादी के कुछ माह में ही पति-पत्नी में विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों अलग रहने लगे. इसके बाद शिक्षक पति ने विदाई का मुकदमा दर्ज कराया, जिस पर अदालत ने आदेश दिया, लेकिन…. पत्नी ससुराल नहीं गई. खबरों की मानें तो…. उधर, पत्नी ने भरण-पोषण भत्ते के लिए मुकदमा दायर किया, जिसे पारिवारिक न्यायालय के अपर प्रधान न्यायाधीश तृतीय आलोक कुमार ने खारिज कर दिया.
अदालत का कहना है कि- पत्नी क्रूरता का कोई सबूत पेश नहीं कर सकी, यही नहीं, पति साथ रखना चाहता है, लेकिन पत्नी नहीं रहना चाहती, पत्नी बेवजह पति से अलग रह रही है, इसलिए भरण-पोषण की राशि पाने की अधिकारी नहीं है.
उल्लेखनीय है कि…. इस युवती का विवाह नई दिल्ली निवासी सरकारी स्कूल के शिक्षक के साथ वर्ष 2018 में हुआ था, कुछ ही समय में पति-पत्नी में अनबन हुई और अलग हो गए, पत्नी ने गुजारा भत्ता के लिए मुकदमा दर्ज कराया, जिसे पारिवारिक न्यायालय ने खारिज कर दिया!