चंडीगढ़ | ट्रांसजेंडर लोगों के कल्याणार्थ हेतु हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. सरकार इन लोगों के पहचान- पत्र बनाएगी. ये सभी जिला मजिस्ट्रेट से पहचान- पत्र बनवा सकेंगे. इतना ही नहीं, इन लोगों के लिए कल्याण बोर्ड गठित किया जाएगा, ताकि इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. अस्पतालों में इनके लिए अलग से वार्ड बनाएं जाएंगे, ताकि इलाज के दौरान उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो.
आपत्तियां और सुझाव
सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग कल्याण तथा अंत्योदय (सेवा) विभाग ने हरियाणा उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम- 2024 बनाने को लेकर हित धारकों से एक महीने में आपत्तियां और सुझाव मांगें हैं. ड्राफ्ट के मुताबिक, आवेदन के 15 दिन के अंदर जिला मजिस्ट्रेट को आवेदक का पहचान पत्र बनाना होगा.
नियम लागू होने की तिथि से 2 साल के भीतर सरकार संस्थागत और बुनियादी सुविधाएं, पुनर्वास केंद्र, अस्थायी आश्रय, अल्पावास गृह और आवास, अस्पतालों में अलग वार्ड और प्रतिष्ठानों में शौचालय बनाएगी.
30 दिन में शिकायतों का समाधान
सभी प्रतिष्ठानों को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के प्रति व्यवहार में उचित परिवर्तन विकसित करने के लिए हितधारकों को प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करनी होगी. सभी शैक्षणिक संस्थानों में एक समिति होगी, जो किसी भी उत्पीड़न या भेदभाव के मामले में सुनवाई कर कार्रवाई करेगी.
सरकार के स्तर पर शिक्षा, भर्ती, रोजगार, स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने, सार्वजनिक परिवहन, खेल- कूद, विश्राम,मनोरंजन और कार्यालयों में कार्य करने के अवसर सहित किसी भी सरकारी या निजी संस्थान में भेदभाव को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे.
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को बुनियादी ढांचेगत सुविधाएं (जैसे कि यूनिसेक्स शौचालय), सुरक्षा और संरक्षा के लिए उपाय (परिवहन और गार्ड) और सुविधाएं (जैसे कि स्वच्छता उत्पाद) प्रदान की जाएंगी, ताकि वे प्रतिष्ठान में अपने कर्तव्यों का प्रभावी रूप से निर्वहन करने में सक्षम हो सकें. प्रत्येक शिकायत अधिकारी को शिकायत के 30 दिन के अंदर समाधान करना होगा.
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