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मेयर चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं लड़ेगी BJP, प्रभारी सतीश पूनिया ने बताई बड़ी वजह


चंडीगढ़ | निकाय चुनावों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. यहां सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने निकाय चुनावों में टिकट लेने वालों की संख्या ज्यादा होने के चलते पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. बीजेपी ने 15 के करीब नगर निगम समितियों में वार्ड पार्षद सीटों पर बिना पार्टी सिंबल के चुनावी रण में उतरने का फैसला लिया है.

BJP

पार्टी ने दिया यह तर्क

ऐसा कहा जा रहा है कि BJP का इस फैसले के पीछे का उद्देश्य वोटों के विभाजन के दौरान प्रत्याशियों के बीच होने वाली नाराजगी और टिकट से वंचित लोगों द्वारा बगावत को रोकना है.

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मीडिया के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी की ओर से यह फैसला छोटे वार्डों में प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा होने के चलते लिया है, जिसके चलते पार्टी के बीच प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई है. हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में इस बारे में स्थानीय इकाइयों की ओर से कोर कमेटी को यह जानकारी दी गई है, जिसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता ने घोषणा की थी कि मेयर इलेक्शन पार्टी सिंबल के बिना ही लड़ा जाएगा. कुछ नेताओं द्वारा पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने के फैसले का भी समर्थन किया गया है.

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चुनाव प्रभारी ने दिया यह बयान

BJP चुनाव प्रभारी सतीश पूनिया ने कहा कि हम प्रदेश में सभी नगर निगमों और नगर परिषद् पदों के लिए पार्टी सिंबल पर ही चुनाव मैदान में उतरेंगे. नगर निगम समितियों में वार्ड पार्षदों के लिए चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं लड़े जाएंगे. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि जहां बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच मुकाबला नहीं है, वहां प्रत्याशियों को पार्टी का चुनाव चिह्न कमल का फूल उपयोग करने की परमिशन दी जाएगी.

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बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि ये वार्ड छोटे हैं, जिनमें लगभग वोटर्स की संख्या का आंकड़ा 5 हजार के आसपास है. यहां चुनाव अक्सर पारिवारिक मामला होता है. इसलिए पार्टी ने इसमें सीधे तौर पर शामिल होने पर असहमति जताई है.


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