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सड़क दुघर्टनाओं में लखनऊ टॉप पर तो बरेली चौथे स्थान पर, मौतों में मामले कानपुर सबसे ऊपर

 जिम्मेदारों को पता है कि प्रदेश में 20 ऐसे जिले हैं जहां सबसे ज्यादा हादसे और मौतें दर्ज हुई हैं। करीब छह साल से यह जिले दुर्घटनाओं और मौत के ग्राफ में टॉप-20 पर बने हुए हैं। प्रदेश के 75 जिलों में से ये 20 ऐसे जिले हैं जिनमें 46.3 प्रतिशत हादसे और 42 फीसद मौतें हुई है।

यानी अगर जागरूकता कार्यक्रम यातायात और सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से अनुपालन करा दिया जाए तो मौत और दुर्घटनाओं का आंकड़ा तकरीबन आधा रह जाएगा। लेकिन जिम्मेदार इन पर कितना गंभीर हैं इसकी तस्दीक आंकड़े कर रहे हैं। दिलचस्प यह है कि हर साल पानी की तरह बहती सड़क सुरक्षा निधि और तमाम जागरूकता कार्यक्रमों के बाद भी इन ”कुख्यात” जिलों का सीरीज में क्रम तक नहीं बदल पाया है। परिवहन विभाग ने ”रोड एक्सीडेंट इन यूपी” में साल 2023 के आंकडे़ जारी किए हैं उनमें दुघर्टनाओं में लखनऊ जिला अव्वल है और मौतों में पांचवें स्थान पर है। सर्वाधिक मौत कानपुर में और सातवें नंबर पर बरेली है।

वर्ष 2023 में हादसों से हुई मौतों में टॉप-20 जिले

कानपुर-638
बुलंदशहर-607
प्रयागराज-582
हरदोई- 571
लखनऊ-568
मथुरा-553
बरेली-538
सीतापुर-507
आगरा-499
गोरखपुर-494
अलीगढ़-489
उन्नाव- 483
गौतमबुद्ध नगर-470
बाराबंकी- 460
फतेहपुर-449
कुशीनगर-435
शाहजहांपुर-430
मेरठ- 395
आजमगढ़-387
फिरोजाबाद-383
कुल मौत: 9,938

लगातार बढ़ता हादसों और मौतों का ग्राफ

प्रदेश में बीते तीन वर्ष (जनवरी से दिसंबर) हादसे और उनसे हुई मौतों का तुलनात्मक आंकड़ा

वर्ष -दुर्घटनाएं -मौत -घायल

2022 -41,746 -22,595

2023 -44,534 -23,652

2024 -46,052 -24,118

सभी एजेंसियों को दिशा-निर्देश लगातार दिए जा रहे हैं। मुख्य सचिव स्तर से भी गाइड लाइन जारी की गई है। सभी निर्माण एजेंसियों, परिवहन, पुलिस, यातायात, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज विभाग, एनएचएआई, एक्सप्रेस-वे समेत सभी संस्थाओं के दायित्व निर्धारित किए गए हैं। मार्गों पर स्पीड कंट्रोल करने के लिए कैमरे लगा दिए गए हैं। नोडल एजेंसी के साथ मासिक बैठकें की जा रही हैं। इन 20 जिलों में खासतौर पर ध्यान दिया जा रहा है। कार्ययोजनाएं बना उन पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है… पुष्पसेन सत्यार्थी, अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा