चंडीगढ़ | आज 13 फरवरी 2025 को किसान आंदोलन 2.0 (Kisan Andolan 2.0) को पूरा एक साल हो गया है. बीते साल इसी दिन किसान दिल्ली कूच के लिए पंजाब से निकले थे, लेकिन उन्हें हरियाणा के बॉर्डर पर रोक दिया गया था. तब से किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अंबाला के शंभू बॉर्डर और जींद की खनौरी सीमा पर ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ जमे हुए हैं. बुधवार को पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत आयोजित हुई, जिसमें आंदोलन की अगली रणनीति पर चर्चा हुई.
अब 14 फरवरी को सरकार और किसानों के बीच चंडीगढ़ में बैठक प्रस्तावित है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार को महापंचायत शुरू होने से पहले किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को दिल का दौरा पड़ा. उन्हें पटियाला के राजेंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है.
मांगों पर अड़े रहे किसान
पिछले 1 साल में किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत रहे और समय- समय पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे. हालांकि, कुछ समय के लिए आंदोलन की गति धीमी होती दिखी. इसी बीच किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 नवंबर को आमरण अनशन शुरू करने की घोषणा कर दी. इसके बाद, 6 दिसंबर को 101 किसानों के जत्थे ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच का ऐलान किया, लेकिन यह असफल रहा. फिर 8 दिसंबर और 14 दिसंबर को भी किसान दिल्ली कूच में सफल नहीं हो पाए.
अब सरकार से बातचीत से उम्मीद
आमरण अनशन के दौरान खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार को उन्हें मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने का आदेश दिया, लेकिन डल्लेवाल अपनी मांगें पूरी होने तक अनशन पर डटे रहने पर अड़े रहे. इसके बाद, 18 जनवरी को केंद्र सरकार के अधिकारी खनौरी बॉर्डर पहुंचे और 14 फरवरी को बैठक का पत्र किसान नेताओं को सौंपा. अब किसान इस बैठक को लेकर उम्मीद लगाए हुए हैं.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!