अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल (Debt ridden company Reliance Capital) इस महीने के अंत तक बिक जाएगी। दरअसल, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनलीएलटी) (National Company Law Tribunal (NCLT) ने रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) का अधिग्रहण करने के इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। ऐसे में आईआईएचएल के 26 फरवरी तक रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) का अधिग्रहण करने का रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों ने कहा कि एनसीएलटी के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान आईआईएचएल ने निश्चित दस्तावेज जमा करने और रिलायंस कैपिटल की समाधान योजना के कार्यान्वयन की दिशा में वित्तीय समापन मिलने की पुष्टि की।
अब 26 फरवरी को सुनवाई
एनसीएलटी ने इसके पहले दिन में सुनवाई के दौरान 26 फरवरी, 2025 तक समापन हासिल करने के लिए आईआईएचएल की याचिका को स्वीकार कर लिया था। अब मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी को निर्धारित की गई है। उस दिन अनुमोदित समाधान योजना के अंतिम समापन और रिलायंस कैपिटल एवं इसकी अनुषंगियों का नियंत्रण आईआईएचएल को सौंपने पर चर्चा होगी।
निगरानी समिति की आज बैठक
सूत्रों ने बताया कि रिलायंस कैपिटल के प्रशासक मंगलवार को निगरानी समिति की बैठक बुलाने वाले हैं, ताकि फंडिंग के लिए दस्तावेजों को निष्पादित किया जा सके और लक्षित समापन तिथि तक फंड की निकासी शुरू की जा सके। सूत्रों के मुताबिक, हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल के ऋणदाताओं ने आश्वस्त किया है कि वे रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (आरसीएल) के लेनदारों को समाधान योजना मूल्य के कुल 9,861 करोड़ रुपये का भुगतान पूरा करने के लिए जरूरी 4,300 करोड़ रुपये की शेष राशि निकालने के लिए तैयार हैं।
58 प्रतिशत से अधिक रकम जमा
आईआईएचएल ने पहले ही विभिन्न एस्क्रो खातों में समाधान योजना मूल्य की 58 प्रतिशत से अधिक राशि जमा की हुई है। आईआईएचएल अप्रैल, 2023 में संकटग्रस्त वित्तीय सेवा फर्म का अधिग्रहण करने के लिए सफल समाधान आवेदक के रूप में उभरी थी। उसने अप्रैल, 2023 में 9,650 करोड़ रुपये की बोली जीती थी।