बिहार में 7 हजार सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका है। दरअसल, शिक्षा विभाग में काम करने वाले सात हजार आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवा अवधि 1 वर्ष पहले ही समाप्त हो रही है। विभाग ने 31 मार्च 2025 तक इनकी सेवा समाप्त करने का फैसला लिया है।
बता दें कि शिक्षा विभाग के पूर्व अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक ने आउटसोर्सिंग पर इन कर्मचारियों की नियुक्ती की थी। वहीं अब भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यालय तक पहुंच रही है, जिसके कारण शिक्षा विभाग ने इन्हें हटाने का निर्णय लिया है।
विभाग के इस फैसल पर आउटसोर्सिंग कर्मियों का कहना है कि करार के मुताबिक, हमारी कार्य अविध 1 अगस्त 2026 तक है, लेकिन सेवा एक वर्ष पहले ही समाप्त की जा रही है, जो की गलत है।