चंडीगढ़ | हरियाणा में एक और जहाँ नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारियां चल रह हैं, वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश में 28 ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां एक भी छात्र नामांकित नहीं है. इन स्कूलों में शिक्षक तो रोजाना आते हैं, लेकिन बिना किसी छात्र को पढ़ाए वापस लौट जाते हैं. अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. प्रदेश के 12 जिलों में स्थित इन 28 स्कूलों की वीडियोग्राफी रिपोर्ट मांगी गई है.
शिक्षा विभाग की बैठक में बड़ा खुलासा
बता दें कि 31 जनवरी को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की अहम बैठक हुई थी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने ड्रॉपआउट छात्रों को दोबारा स्कूलों तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा, जिन स्कूलों में छात्र संख्या शून्य है, उनकी विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई थी. मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग ने 12 जिलों में ऐसे 28 स्कूलों की सूची जारी कर दी है, जहां सरकारी पोर्टल पर छात्रों की संख्या शून्य दर्ज है. इन स्कूलों में 19 जेबीटी शिक्षक तैनात हैं, लेकिन पढ़ाने के लिए एक भी छात्र नहीं है.
इन जिलों में सबसे ज्यादा प्रभावित स्कूल
भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, पलवल, सोनीपत और यमुनानगर के मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर स्थिति की रिपोर्ट मांगी गई है. इनमें स्कूल भवन, कक्षा-कक्ष, बुनियादी सुविधाएं, पीने के पानी, शौचालय और खेल मैदानों की वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगी गई है. इन स्कूलों की तस्वीरें और वीडियो भी प्रस्तुत करने को कहा गया है. इन 12 जिलों में सबसे ज्यादा 5 स्कूल कुरुक्षेत्र में हैं, जहां कुल 8 शिक्षक तैनात हैं.
इसके बाद यमुनानगर और भिवानी में 4-4, करनाल और सोनीपत में 3-3, फरीदाबाद और महेंद्रगढ़ में 2-2 ऐसे स्कूल हैं, जहां छात्र संख्या शून्य है. दूसरी तरफ, कुरुक्षेत्र के राजकीय प्राथमिक पाठशाला अढ़ोनी, डेरा पन्नूराम, डेरा संतोख सिंह, सूजरी और टकोरण में एक भी छात्र नहीं है, लेकिन 2-2 शिक्षक तैनात हैं.
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