कुरुक्षेत्र | हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की तरफ से 17 नवंबर 2024 को PGT इंग्लिश की स्क्रीनिंग परीक्षा ली गयी थी. इस परीक्षा में 33 सवालों के गलत होने के बावजूद परिणाम जारी कर दिया गया. अब इसे लेकर हाई कोर्ट ने जवाब मांगा है. एचपीएससी की तरफ से घोषित रिजल्ट पर पहले आई आपत्तियों के बाद फाइनल रिजल्ट में 33 प्रश्नों के जवाबों को हटा दिया गया.
33 सवालों के जवाब गलत होने पर भी रिजल्ट जारी
HPSC ने ग्रेस अंक का फार्मूला अपनाया व 12 दिसंबर 2024 को 100 अंकों में से परिणाम घोषित कर दिया. फाइनल परीक्षा परिणाम को जब आवेदकों ने देखा, तो 100 में से 33 सवालों के जवाब सही न होने के बाद भी परिणाम जारी करने पर सवाल खड़े कर दिए. आवेदकों का कहना है कि एचपीएससी ने खुद कबूल किया है कि 100 अंकों के पेपर में 33 प्रश्नों के उत्तर गलत हैं.
आवेदक पहुँचे कोर्ट
ऐसे में परीक्षा फिर से होनी चाहिए थी पर एचपीएससी ने परिणाम घोषित कर दिया. पूरे प्रदेश से लगभग 4800 आवेदकों ने परीक्षा दी थी. आवेदकों ने इस मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं. मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने एचपीएससी से जवाब तलब किया है. इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी 2025 को होगी.
RTI का भी कोई जवाब नहीं
आवेदक जतिन सोनी, विक्रांत, पंकज, हर्ष, सविता व हनुमान का कहना कि जब 100 में से 33 प्रश्नों के उत्तर गलत हैं तो प्रश्न पत्र की गुणवत्ता कैसे सही हो सकती है. आवेदकों ने कहा कि प्रश्न पत्र तैयार करने वाली एजेंसी व अधिकारियों द्वारा आवेदकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. एचपीएससी का रूल है कि यदि परीक्षा में 10 प्रश्नों से ज्यादा को रिक्त छोड़ा जाता है, तो उस आवेदक का पेपर रद्द कर दिया जाता है.
सभी आवेदकों को किया जाए योग्य
जब एचपीएससी के स्वयं 33 प्रश्नों के जवाब गलत हैं, तो पेपर रद्द क्यों न नहीं किया जा रहा. यदि परीक्षा रद्द नहीं करनी, तो इस परीक्षा में 25% अंक प्राप्त करने वाले सभी आवेदकों को योग्य घोषित कर संबंधित विषय की परीक्षा आयोजित की जाएगी. आवेदकों का कहना है कि मामले में उन्होंने आरटीआई भी लगाई थी, लेकिन एचपीएससी ने आरटीआई में भी उनकी तरफ से मांगे दस्तावेजों को नहीं दिया.
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