नई दिल्ली. संसद में बजट सत्र के चौथे दिन आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा चल रही है. इस दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने स्पीच दी, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से कई सवाल पूछे. उन्होंने महाकुंभ में मची भगदड़ और उसमें हुई मौतों पर योगी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में अब इंजन भी टकराने लगे हैं. पिछले साल उत्तर प्रदेश में हुए ट्रेन हादसों और आज सुबह फतेहपुर में हुए मालगाड़ी हादसे को लेकर योगी सरकार और भाजपा पर यह तंज कसा.
उन्होंने कहा कि साजिश को छिपाना अपराध है. योगी सरकार यह बताए कि उसने मौत के आंकड़े दबाए, छिपाए क्यों? महाकुंभ में भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार फेल हो गई. इसलिए महाकुंभ की जिम्मेदारी सेना को सौंपी जानी चाहिए. महाकुंभ में सभी व्यववस्थाएं सेना के हवाले कर देनी चाहिए. अखिलेश ने कहा कि धर्मनगरी प्रयागराज में गंगा किनारे शव पड़े थे और ऊपर से फूल बरसाए जा रहे थे. यह शर्मनाक बात है. जेसीबी से शव हटाए गए, योगी सरकार बताए कि वे शव कहा हैं? कितने लोग मारे गए हैं? महाकुंभ में हुए हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, कृपया महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दें. मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए. महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए.
अखिलेश ने कहा कि महाकुंभ हादसे में हुई मौतों के आंकड़े, घायलों का इलाज, दवा, डॉक्टर, भोजन, पानी की उपलब्धता, परिवहन सुविधाएं, सब कुछ संसद में पेश किया जाना चाहिए. महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए और जिन्होंने सच्चाई छिपाई है, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हादसे में हुई मौतों पर शोक व्यक्त नहीं किया. जब देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने शोक जताया तो 17 घंटे बाद (प्रदेश) सरकार ने मौत होने का सच स्वीकार कर लिया. यह वो लोग हैं जो आज भी सच को स्वीकार नहीं कर सकते.