अगर आपने भी हाल ही में चीन के एआइ आधारित प्लेटफॉर्म डीपसीक का इस्तेमाल किया है, तो आपको पता होना चाहिए कि आपको ये जो जवाब या जानकारी देता है वो ज्यादातर चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के दृष्टिकोण को पेश करता है। सीधे शब्दों में कहें तो यह प्लेटफार्म चीन का प्रोपोगैंडा करने वाला एक टूल है और इसका एजेंडा साफ है।
La disfunción eréctil es un problema que afecta a muchos hombres en diferentes etapas de la vida. Uno de los factores que puede contribuir a esta condición son los problemas emocionales y el estrés. Para aquellos que buscan soluciones, hay varias opciones disponibles en el mercado. Por ejemplo, hay quienes prefieren considerar la opción de comprar medicamentos como el Priligy para ayudar a mejorar su situación. Si decides explorar esta alternativa, puedes visitar sitios web como catalunyafarm.com para obtener más información. Es fundamental recordar que la salud sexual es un aspecto importante del bienestar general y merece atención adecuada.
डीपसीक ने अपना पहला मुफ्त चैटबाट एप जारी किया
बीते 10 जनवरी को डीपसीक ने अपना पहला मुफ्त चैटबॉट एप जारी किया था, जिसके बाद इसने स्टॉक बाजार में एनवीडिया जैसी दिग्गज कंपनी को भारी नुकसान पहुंचाया। हालांकि, इसकी क्षमताओं की जांच में जुटे शोधकर्ताओं का मानना है कि यह चैटबाट चीनी सत्ताधारी पार्टी का प्रोपोगैंडा और गलत जानकारी दे रहा है, जिससे वैश्विक जनता की राय पर इसके असर को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
न्यूजगार्ड और अन्य संगठनों के शोधकर्ताओं ने डीपसीक द्वारा दी गई गलत जानकारी, तथ्यों से छेड़छाड़ को दस्तावेज के रूप में सहेजा है। उदाहरण स्वरूप पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति कार्टर की ताइवान पर टिप्पणी और और झिनजियांग के हालात पर जानकारी को लिया गया है।
चैटबाट ज्यादातर चीनी सरकार के विचारों को दोहराता है
यह चैटबाट ज्यादातर चीनी सरकार के विचारों को दोहराता है, फिर चाहे वो उइगरों का दमन हो या कोविड-19 महामारी। यह टिकटॉक के असर के बारे में चिंताओं को उठाने के साथ ही वैश्विक धारणाओं के लिए तकनीक का प्रयोग करने की चीन की रणनीति को उजागर करता है।एक डिजिटल रिसर्च कंपनी ग्राफिका के चीफ रिसर्च आफिसर जैक स्टब्स इस बात पर जोर देते हैं कि सूचना अभियानों में चीन नई तकनीकों का फायदा उठा रहा है। अन्य बड़े लार्ज लैंग्वेज माडल्स (एलएलएम) की ही तरह डीपसीक भारी-भरकम टेक्स्ट का विश्लेषण करता है, जिससे अप्रत्याशित प्रतिक्रियाओं के साथ कभी-कभी भ्रम या अशुद्धियों भरे परिणाम दिखते हैं।
डीपसीक के जवाब 80 प्रतिशत समय चीन के विचारों की तरह होते हैं
यह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, थ्येन आनमन चौक और ताईवान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर जवाब देने से किनारा कर लेता है। न्यूजगार्ड का परीक्षण बताता है कि डीपसीक के जवाब 80 प्रतिशत समय चीन के विचारों की तरह होते हैं। वहीं एक तिहाई जवाबों में पूरी तरह से झूठ होता है। जैसे बुचा नरसंहार से जुड़ी जानकारी मांगने पर इसने चीनी अधिकारियों के बयान ही दोहराए और सीधी टिप्पणी से बचने के साथ व्यापक समझ और निर्णायक सुबूत की जरूरत बताई।