चंडीगढ़ | पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में HSSC के अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई है. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ग्रुप सी के बकाया पदों को पुनर्विज्ञापित न करने, हाईकोर्ट के 31 मई 2024 के फैसले को पूरी तरह लागू न करने पर हाईकोर्ट में आयोग के अध्यक्ष हिम्मत सिंह के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर हुई है. इस याचिका पर बीती 27 जनवरी को सुनवाई की गयी थी.
25 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
अध्यक्ष हिम्मत सिंह की तरफ से शपथ पत्र दिया गया है, जिसे रिकॉर्ड पर ले लिया गया है. हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव के निर्देश पर सरकारी अधिवक्ता ने अदालत में प्रस्तुत किया कि हाईकोर्ट के 31 मई 2024 के आदेश को 4 हफ्तों में वास्तविक अर्थों में लागू कर दिया जाएगा. अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी. अदालत ने सुनवाई 25 फरवरी 2025 तक के लिए स्थगित कर दी है.
हाईकोर्ट के आदेश की जानबूझकर अवहेलना
एडवोकेट चंद्रहास यादव ने बताया कि याचिकाकर्ता शुभेंद्र ने याचिका में बताया है कि प्रतिवादीगण (हिम्मत सिंह) ने कुछ ग्रुप तो पुनर्विज्ञापित कर दिए पर ग्रुप नंबर 12, 13, 22, 30 और 32 पुनर्विज्ञापित नहीं किए. इससे यह नजर आता है कि हाईकोर्ट के आदेश की जानबूझकर अवहेलना की जा रही है.
तलब किया जाए मामले का रिकॉर्ड
हाईकोर्ट में दायर याचिका में यह आग्रह किया गया है कि सम्मानपूर्वक प्रार्थना की जाती है कि कृपया मामले का रिकॉर्ड माँगा जाए और वर्तमान मामले में उच्च न्यायालय द्वारा पारित दिनांक 31.05.2024 के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने के लिए प्रतिवादी के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए.
प्रतिवादी दंडित किए जाने के पात्र
ऐसा इसलिए क्योंकि प्रतिवादी ने उक्त फैसले का पिक एंड चूज के आधार पर अनुपालन किया है और इस प्रकार से आंशिक रूप से जानबूझकर आदेश का उल्लंघन किया है, इसलिए यह अवमानना है और न्याय के हित में वर्तमान मामले में प्रतिवादी इसके लिए दंडित किए जाने के पात्र हैं.
यह भी प्रार्थना है कि प्रतिवादी को उनके दुर्भावनापूर्ण कृत्य के लिए दंड दिया जाए, प्रतिवादी के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट और प्रतिवादी की संपत्तियों की कुर्की भी जारी की जाए और उन्हें उच्च न्यायालय की अवमानना का अपराध करने के लिए आरोपित किया जाए.
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