Wednesday , February 19 2025

Google मैप्स पर नहीं करे भरोसा, अब फ्रांसीसी पर्यटकों को दिया धोखा

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नई दिल्ली. गूगल मैप्स के भरोसे यात्रा करने पर एक बार फिर दो टूरिस्टों को धोखा मिला है. साइकिल से नेपाल जा रहे दो टूरिस्टों गूगल मैप के सहारे चलते-चलते नेपाल तो नहीं पहुंचे यूपी के बरेली में फंस गए. संयोग अच्छा था कि रात के अंधेरे में बरेली के चुरैली डैम में फंसे पर्यटकों के लिए गांववाले मदद को आगे आए और पनाह दी. घटना गुरुवार रात की है.

यह है पूरा मामला

गूगल मैप्स के भरोसे साइकिल से दो फ्रांसीसी नेपाल के काठमांडू जा रहे थे. गुरुवार को दोनों फ्रांसीसी पर्यटक बरेली के चुरैली डैम के पास रास्ता भटक गए. अंधेरे में गांववालों ने दोनों विदेशियों को सड़क पर भटकते हुए देखा तो अलर्ट हो गए. संदिग्ध जान लोगों ने चुरैली पुलिस चौकी पर फोन किया.

पुलिस से फ्रांस के ब्रायन जैक्स गिल्बर्ट और सेबस्टियन फ्रैंकोइस गेब्रियल ने बताया कि वे 7 जनवरी को दिल्ली आए थे. उनका उद्देश्य दिल्ली से साइकिल के जरिए नेपाल पहुंचने का था. उन्हें टनकपुर होते हुए पीलीभीत के रास्ते जाना था, लेकिन गूगल मैप्स ने उन्हें शॉर्टकट दिखाते हुए बहेरी के चुरैली डैम की ओर मोड़ दिया. अंधेरे और सुनसान रास्ते में भटकने के बाद दोनों वहां पहुंच गए.

गांववालों की सतर्कता और पुलिस की मदद

गुरुवार रात करीब 11 बजे गांववालों ने सड़क पर दोनों विदेशियों को देखा. उनकी भाषा न समझ पाने के बावजूद किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए गांववालों ने उन्हें चुरैली पुलिस चौकी पहुंचाया. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों को गांव के प्रधान के घर ठहरने की व्यवस्था की. मामले की जानकारी मिलने पर बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या ने दोनों पर्यटकों से बातचीत की और पुलिस को निर्देश दिया कि उन्हें सही मार्गदर्शन दिया जाए. शुक्रवार सुबह दोनों पर्यटकों को काठमांडू जाने के लिए दिशा-निर्देश देकर उनकी यात्रा फिर शुरू कराई गई.

गूगल मैप्स पर सवाल

यह पहली बार नहीं है जब गूगल मैप्स के भरोसे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. इस घटना ने एक बार फिर डिजिटल नेविगेशन की सीमाओं और वास्तविक मार्गदर्शन की जरूरत पर ध्यान खींचा है.