चंडीगढ़ | हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने 2016 में 2426 शिफ्ट अटेंडेंट की भर्ती निकाली थी. भर्ती विज्ञापन के तहत, 2016 में लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी और 30 अप्रैल 2017 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था. उम्मीदवारों को 5 मई 2017 से 11 मई तक दस्तावेजों की जांच के लिए आमंत्रित किया गया. 24 अगस्त 2017 से 29 अगस्त तक की अवधि के लिए इंटरव्यू आयोजित किए गए. इसके बाद, यह भर्ती अदालत जा पहुंची.
बदले गए मानदंड
याचिकाकर्ताओ ने दलील दी कि इंटरव्यू सहित पूरी प्रक्रिया खत्म होने के बाद मानदंड बदल दिए गए. उसके बाद, वेटेज का दायरा बदल दिया गया. जीएसए, एएसएसए, जीएसओ, एसएसए और जेई तथा कई अभ्यर्थियों को विस्तारित दायरे के आधार पर वेटेज देकर सेलेक्ट किया गया है, जिससे याचिकाकर्ता के अधिकार प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि अगर उन्हें अनुभव का वेटेज नहीं दिया गया होता, तो उनका चयन हो जाता.
रिकॉर्ड सील करने के आदेश हुए थे जारी
जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी की खंडपीठ ने 16 जुलाई 2024 को जारी अंतरिम आदेश में लिखा था, ‘याचिकाकर्ता आनंद के वकील कमल सहगल ने पेश किया कि यह एक ऐसा मामला है, जहां प्रतिवादी हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने इंटरव्यू के बाद मानदंड बदल दिए हैं. जब चयन अंतिम चरण में था और परिणाम घोषित होने वाला था.
खंडपीठ की तरफ से रिकॉर्ड सील करने के आदेश में लिखा था, “कमल सहगल याचिकाकर्ता (ओं) के वकील ने आगे दलील दी कि ऐसा लगता है कि प्रतिवादी आयोग ने उन अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिए हैं, जिनका इंटरव्यू पूरा होने के बाद चयन किया गया है. यह स्वयं एप्लिकेशन का भाग नहीं बन सकता था.
कल होगी आखिरी सुनवाई
इस स्थिति को देखते हुए, यह निर्देश दिया जाता है कि पूरी चयन प्रक्रिया का रिकॉर्ड तुरंत प्रभाव से सील कर दी जाए. भले ही उससे संबंधित रिकॉर्ड किसी अन्य विभाग के पास रखा हो और 18 जुलाई 2024 को इसे अदालत को भेज दिया जाए. कल 21 जनवरी को इस मामले में अंतिम सुनवाई होनी है. कल पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में इस मामले पर फाइनल सुनवाई होगी और कोई- ना- कोई फैसला जरूर लिया जाएगा.
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