चंडीगढ़ | हरियाणा में परिचालकों की नौकरी को लेकर बड़ा मामला देखने को मिला है. राज्य में कंडक्टर पद के लिए जिन लोगों की नियुक्ति हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के जरिए हुई है, अब उनके अनुभव प्रमाण पत्र को जांचा जाएगा. परिवहन मंत्री अनिल विज की तरफ से भी इसके लिए निर्देश दे दिए गए हैं. अनिल विज ने रोडवेज के सभी डिपो के महाप्रबंधकों (GM) निर्देश देकर सभी कंडक्टरों के प्रमाण पत्रों की वेरिफिकेशन करने को कहा है और इसकी रिपोर्ट भेजनें की मांग की है.
अनिल विज ने प्रमाण पत्रों की जांच के लिए निर्देश
जानकारी के अनुसार, जांच में पाया गया है कि 800 से ज्यादा उम्मीदवारों ने नौकरी लेने के लिए फर्जी प्रमाण पत्रों का उपयोग किया है. इस मामले में शिकायत मिलने के बाद अनिल विज ने डिपो के सभी महाप्रबंधकों को उम्मीदवारों के प्रमाण पत्रों की जांच करने के लिए निर्देशित किया है. डिपो के सभी महाप्रबंधकों ने अनिल विज के निर्देश के बाद प्रमाण पत्रों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है.
उम्मीदवारों को नियुक्त करने का कारण
जांच में यह भी मिला है कि इन उम्मीदवारों को कंडक्टर पद पर इसलिए नियुक्त किया गया, क्योंकि इन सभी ने 2018 में 18 दिनों तक रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान स्थिति को संभालने के लिए सरकार की मदद की थी. हड़ताल के दौरान इन लोगों ने जनता की मदद के लिए कंडक्टर के रूप में भी काम किया था. इसके लिए इन लोगों को न सिर्फ भुगतान किया गया, बल्कि अनुभव प्रमाण पत्र भी दिया गया था.
फर्जी सर्टिफिकेट से पाई नौकरी
ऐसा भी कहा जा रहा है कि सरकार ने इन सभी से वादा किया था कि कंडक्टर भर्ती के दौरान इन्हें वरियता दी जाएगी. इसका लाभ लेकर हड़ताल के दौरान कुछ लोगों ने बिना सेवा दिए फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे कंडक्टर की नौकरी प्राप्त कर ली थी. शिकायत मिलने के बाद कंडक्टर के रूप में नियुक्त सभी उम्मीदवारों के प्रमाण पत्रों को सत्यापित किया जा रहा है.
हड़ताल के दौरान कंडक्टरों को दिए गए पारिश्रमिक के आधार पर प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जाएगा. जिन लोगों ने हाल ही में डिपो में कंडक्टर के रूप में ज्वॉइन किया है, उनके प्रमाण पत्रों की भी जांच होगी.
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