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हरियाणा में बार- बार क्यों आ रहा भूकंप, जानिए एक्सपर्ट की राय और बचने के तरीके


चंडीगढ़ | भुकंप के चलते हरियाणा में इन दिनों भयभीत माहौल बना हुआ है. सोनीपत में 26 दिसंबर को 24 घंटे के भीतर दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. हालांकि, हरियाणा में भूकंप आने का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी यहां लगातार अलग- अलग शहरों में भूकंप के झटके आते रहे हैं.

EARTHQUEAK BHUKAMP

हरियाणा में भूकंप से कोई जान- माल की हानि तो नहीं हुई, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या हरियाणा पर कोई बड़ा खतरा मंडरा रहा है. क्या भविष्य में किसी खतरे की ये आहट भर है. आज हम यहां एक्सपर्ट की राय जानते हैं कि भूकंप आने के पीछे की वजह क्या है और कैसे हम भूकंप आने पर अपने आप को और परिजनों को बचा सकते हैं.

24 घंटे में दो बार भूकंप

26 दिसंबर को हरियाणा में और दिनों की तरह सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन सोनीपत से 9.26 बजे अचानक आई भूकंप की खबर से हर कोई सहम उठा. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.6 रही लेकिन जो बड़ी बात थी, वो ये कि 24 घंटे में ये भूकंप का दूसरा झटका था. इससे पहले 25 दिसंबर को साढ़े 12 बजे के करीब सोनीपत में ही भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 रही.

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हरियाणा में कहां- कहां भूकंप का खतरा

हरियाणा में भूकंप के ख़तरे की बात करें तो 12 जिले संवेदनशील जिलों की सूची में शामिल हैं. जोन- 4 में शामिल रोहतक, महेंद्रगढ़, पंचकूला, करनाल, अंबाला, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल हैं, जिन्हें संवेदनशील जिलों की सूची में शामिल किया गया है, जबकि जोन- 3 कम प्रभावित क्षेत्र और जोन- 2 को बेहद कम भूकंप की संभावना वाला क्षेत्र माना जाता है.

कैसे आता है भूकंप?

धरती की सतह टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है. ये प्लेट्स जब आपस में एक- दूसरे से टकराती है, तो धरती के नीचे से ऊर्जा निकलकर बाहर आने का रास्ता ढूंढती है. इसकी वजह से धरती में कंपन पैदा होती है और लोगों को भूकंप के झटके महसूस होते हैं. अगर भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6 से ज्यादा होगी तो भूकंप से भारी जान- माल की हानि हो सकती है.

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हरियाणा में बार- बार भूकंप की वजह

उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है, जिसमें प्लेट मूवमेंट्स के बाद कंपन पैदा होती हैं और इसी वजह से भूकंप के झटके महसूस होते हैं.

भूकंप पर एक्सपर्ट की राय

चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी के ज्योग्राफिक डिपार्मेंट के प्रोफेसर गौरव क़ल्होत्रा ने भूकंप पर अपनी राय रखते हुए हिमालय पर्वत में हो रहे बदलावों की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा कि हर साल माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई बढ़ती जा रही है. इसका साफ मतलब है कि धरती के नीचे प्लेट्स का मूवमेंट हो रहा है. धरती के नीचे जो एनर्जी जमा हो रही है. एनर्जी भूकंप के तौर पर सामने आ रही है. अगर रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता ज्यादा नहीं है, तो बड़ा ख़तरा नहीं है. अगर ज्यादा तीव्रता का भूकंप आएगा तो बड़ा नुकसान हो सकता है.

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भूकंप से बचने के उपाय

  • जरा सा मौका मिलते ही तुरंत प्रभाव से घर से बाहर निकलें.
  • हाईराइज बिल्डिंग में हैं तो लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. लिफ्ट में फंस सकते हैं.
  • बिल्डिंग, पेड़, तार आदि से दूरी बनाकर रखें जिससे जान का ख़तरा ना हो.
  • भूकंप के झटके तेज हैं, तो घर में मजबूत फर्नीचर के नीचे बैठ जाएं.
  • भूकंप के दौरान गाड़ी चला रहे हैं, तो तुरंत रूक जाना चाहिए.
  • भूकंप आने पर गैस सिलेंडर, बिजली के स्विच ऑफ कर देने चाहिए.


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