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चंडीगढ़- बद्दी के बीच प्रगति पर रेलवे ट्रैक बिछाने का काम, औद्योगिक क्षेत्र को मिलेंगे कई बड़े फायदे


चंडीगढ़ | पब्लिक ट्रांसपोर्टेश कनेक्टिविटी मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार (Central Govt) द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में चंडीगढ़ से हिमाचल प्रदेश के बद्दी तक ट्रेन दौड़ाने के लिए 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बिछाया जा रहा है. इस रेलवे ट्रैक के एक किलोमीटर लंबे हिस्से की उंचाई करीब 52 फीट होगी, जबकि कुछ जगहों पर न्यूनतम उंचाई 25 फीट तक रखी गई है.

elevated railway track

इस एलिवेटेड ट्रैक का हरियाणा में 20% और हिमाचल प्रदेश में लगभग 50% काम पूरा हो चुका है. इस प्रोजेक्ट को साल 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

1540 करोड़ रूपए का प्रोजेक्ट

हिमाचल प्रदेश में लगभग साढ़े 3 किलोमीटर क्षेत्र में पहले ही रेलवे ट्रैक बिछाने का काम शुरू कर दिया गया था, जबकि बद्दी से चंडीमंदिर तक बिछाया जाने वाला 25 किलोमीटर लंबे हिस्से का काम पेंडिंग हैं. इसकी शुरुआत पिंजौर के सूरजपुर से की गई थी. यहां पटरी बिछाने के लिए मिट्टी लेवलिंग कार्य प्रगति पर है. यह प्रोजेक्ट हिमाचल के बद्दी और संडोली तक है. इसमें पहला पड़ाव सूरजपुर होगा, जो पिंजौर से चंडीमंदिर की तरफ 5 किलोमीटर की दूरी पर और उसके बाद नेशनल हाईवे पिंजौर नालागढ़ के साथ-साथ रेलवे ट्रैक बिछाया जा रहा है.

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यह सूरजपुर के बाद धमाला, लोहगढ़, खेड़ा- टांडा, जोलूवाल, कोना, मड़ांवाला और हिमाचल के शीतलपुर में स्थित कंटेनर डिपो केंदूवाला होकर संडोली तक पहुंचेगी. इससे बद्दी और आसपास के क्षेत्र में स्थित इंडस्ट्रियल एरिया से कंटेनर निर्यात करने वाले उद्योगपतियों को राहत मिलेगी. इन्हें अभी अपने कंटेनर निर्यात करने के लिए लुधियाना के कंटेनर डिपो की ओर जाना पड़ता है. इससे न केवल परिवहन व्यवस्था महंगी पड़ती है, बल्कि अधिक समय भी खर्च होता है. इस प्रोजेक्ट पर करीब 1,540 करोड़ रुपए की लागत राशि खर्च होगी.

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कालकाजी मंदिर से आगे का ट्रैक होगा आकर्षक

31 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट में पिंजौर के नजदीक कालकाजी मंदिर से आगे करीब 11 किलोमीटर का ट्रैक आकर्षण का केंद्र होगा. इस तरह के ट्रैक अक्सर मेट्रो परिचालन के लिए बनाए जाते हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत, रेल ओवरब्रिज, एलिवेटिड ब्रिज, पटरी के लिए सिविल वर्क सहित फ्लाईओवर तैयार किए जा रहे हैं.

एलिवेटेड पुल बनाने का मकसद ज्यादा से ज्यादा ग्रीनफील्ड क्षेत्र का बचाव करना है. सड़क क्रॉसिंग को भी इसमें शामिल किया गया है, ताकि सड़क को बिना छेड़े रेलमार्ग आगे बढ़ सकें. रेलवे के इस कदम से महंगी होती जमीन और पटरियों की मेंटीनेंस कॉस्ट से बचा जा सकेगा.

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दो जगहों पर स्टेशन बनाने का काम शुरू

इस रेलवे ट्रैक को मजबूती प्रदान करने के लिए चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन के पास और नानकपुर में स्टेशन बनाया जा रहा है. इस रेलवे ट्रैक के पूरा होने पर एशिया का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया और फार्मा हब बद्दी- बरोटीवाला- नालागढ़ को साल 2025 तक रेल नेटवर्क से कनेक्टिविटी मिलेगी. ऐसे में बद्दी के अमृतसर- कोलकाता गलियारे से कनेक्टिविटी का पूरे क्षेत्र को फायदा पहुंचेगा.

यह कनेक्टिविटी इंडस्ट्रियल एरिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी. उद्योगों को कच्चा माल लाने और तैयार माल को अन्य राज्यों में भेजने के लिए रेलवे का विकल्प मिलेगा. इससे लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा. रेल नेटवर्क से इस रीजन में व्यापार व रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे.


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